29.5.21

हम काल कला से छले गये


गिरिजेशजी का जाना हृदय विदीर्ण कर गया, 

एक अद्भुत व्यक्तित्व चला गया, 

एक अश्रुपूरित शब्दांजलि......


हम काल कला से छले गये,

गिरिजेश! कहाँ तुम चले गये?


गहरे रहस्य, उद्भट प्रकथ्य,

सुर शब्दों में, संनिहित सत्य,

करना था कितना और व्यक्त,

सब कुछ पसार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।१।।


श्रम डूबे सब वांछित प्रयत्न,

मेधा से ढूढ़े अलख रत्न,

साझे, साधे अनगिनत यत्न,

सब कुछ बिसार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।२।।


दस वर्ष अधिक सम्बन्ध रहा,

संवाद सतत निर्द्वन्द्व बहा,

सोचा जो भी स्पष्ट कहा,

सब कुछ उतार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।३।।


संस्कृत संस्कृति के रहे प्राण

प्रस्तुत उत्तर, विस्तृत प्रमाण,

आगत प्रज्ञा, संशय प्रयाण,

सब कुछ विचार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।४।।


अलसाया चिठ्ठा रहे भुक्त,

हत मघा, करेगा कौन मुक्त,

कविता के सुन्दर स्रोत सुप्त,

सब पर प्रहार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।५।।


बाऊ बैठे, मनु उर्मि शान्त,

सब रामायण के पात्र क्लान्त,

शत शोकमग्न तिब्बत नितान्त,

सबको निहार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।६।।


माता बिन बीता एक माह,

मन पिता मन्त्र बहता प्रवाह,

क्यों लिये विकट स्मृति उछाह,

यह जगत पार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।७।।


जब रहे सनातन कालपथिक,

किसकी बाधा, क्यों हृदय व्यथित,

रुक जाते थोड़ा और तनिक,

जग तार तार कर चले गये?

हम काल कला से छले गये ।।८।।


15 comments:

  1. शब्दशःसत्य कथन - असमय ही चले गये गिरिजेश जी,अभी तो उनसे बहुत कुछ सुनना बाकी था.

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  2. विनम्र श्रद्धांजलि आ. गिरिजेश जी को....।
    आपके व्यथित मन के भाव बहुत ही हृदयस्पर्शी हैं।
    भगवान उन्हें अपने चरणों में स्थान दे एवं सभी स्वजनों को दुख सहने की शक्ति दें।

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  3. गिरिजेश राव जी को उनके ब्लॉग एक आलसी का चिट्ठा के जरिए जितना भी समझा, मुझे वो एक विलक्षण प्रतिभा लगे। फेसबुक पर बहुत से लोगों ने उन्हें याद किया पर मुझे महसूस हो रहा था की उनको ब्लॉग से भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए क्योंकि मेरे जैसे अधिकांश लोग उन्हें ब्लॉग के जरिए ही जान पाए।
    ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें ������

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  4. विनम्र श्रद्धांजलि 🙏 ॐ शांतिः 🙏 भगवान श्रीराम उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। 🙏 😥

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  5. अपूरणीय क्षति ।
    विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

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  6. This comment has been removed by the author.

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  7. गिरिजेश चले गये....? सुनकर विश्वास नहीं हो रहा...

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  8. Miss u badly Girjesh bhai...

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  9. गिरिजेश जी हिंदी ब्लॉगर्स के लिए एक आदर्श थे । उनका जाना निश्चय ही हिंदी साहित्य के लिए दुःखद है । आपने हर शब्द में जैसे उनके व्यक्तित्त्व को उतार दिया हो ।
    विनम्र श्रद्धांजलि ।

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  10. बहुत ही दुखद हुआ। विलक्षण प्रतिभा के धनी थे गिरिजेश जी।🙏 कई सालों से जानते थे हम ,अचानक शून्य हो गया।।ईश्वर शोक सहन करके की शक्ति दे🙏।

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  11. गिरिजेश जी का असमय जाना स्तब्ध कर गया ।
    उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धाजंलि।

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  12. बहत असमय चले गए गिरिजेश जी ...
    लम्बे समय से ब्लॉग के समय से उनको पढ़ते रहा ... वो आते जाते रहे ब्लॉग पर ... पर उनकी विद्वता का
    मैं हमेशा ही कायल रहा हूँ ... मेरी विनम्र श्रधांजलि है ...

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