समय का भण्डार जीवन,
कर्म का आगार जीवन,
व्यक्तियों की विविधता में,
बुद्धि का व्यापार जीवन ।
समय की निर्बाध तृष्णा,
काटती रहती बराबर,
शान्त होती मनस द्वारा,
कर्म का आधार पाकर ।
समय के निर्वाह का यह बोझ नित बढता गया,
मैं विकल्पों में उलझता कर्मक्रम चुनता गया,
नहीं कोई दिशा पायी, न कोई उद्देश्य लक्षित,
पथ भ्रमित एक जीवनी का जाल सा बुनता गया ।
उन प्रयत्नों का अधिक, उपयोग लेकिन कुछ नहीं था,
समय का निर्वाह केवल, सार संचित कुछ नहीं था,
इस निरर्थक सूत्र को तुम, जीवनी से व्यक्त कर दो,
व्यर्थ इस व्यापार में पर, लब्ध मुझको कुछ नहीं था ।
कर्म का आगार जीवन,
व्यक्तियों की विविधता में,
बुद्धि का व्यापार जीवन ।
समय की निर्बाध तृष्णा,
काटती रहती बराबर,
शान्त होती मनस द्वारा,
कर्म का आधार पाकर ।
समय के निर्वाह का यह बोझ नित बढता गया,
मैं विकल्पों में उलझता कर्मक्रम चुनता गया,
नहीं कोई दिशा पायी, न कोई उद्देश्य लक्षित,
पथ भ्रमित एक जीवनी का जाल सा बुनता गया ।
उन प्रयत्नों का अधिक, उपयोग लेकिन कुछ नहीं था,
समय का निर्वाह केवल, सार संचित कुछ नहीं था,
इस निरर्थक सूत्र को तुम, जीवनी से व्यक्त कर दो,
व्यर्थ इस व्यापार में पर, लब्ध मुझको कुछ नहीं था ।
बहुत समय हुआ तुम्हारा गाया नहीं सुना..इसमें गेयता है...इसे ही सुना दो प्लीज..या जो तुम्हारा मन हो!! आशा है परिवार में सब मंगल होग!!
ReplyDeletebahut sundar waah aapki rachna sadaiv man ko moh leti hai hardik badhai bahut sundar
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ReplyDeleteसमय का भण्डार जीवन,
ReplyDeleteकर्म का आगार जीवन,
व्यक्तियों की विविधता में,
बुद्धि का व्यापार जीवन ।
जीवन सार ही लिख डाला.उत्तम
आभार
बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
कर्म की प्रधानता में उपलब्धि गौंण ही रहती है।
ReplyDeleteसमय के निर्वाह का यह बोझ नित बढता गया,
ReplyDeleteमैं विकल्पों में उलझता कर्मक्रम चुनता गया,
नहीं कोई दिशा पायी, न कोई उद्देश्य लक्षित,
पथ भ्रमित एक जीवनी का जाल सा बुनता गया
हममें से अधिकाँश की तो यही दशा है
कोई शब्दों में व्यक्त कर पाता है कोई नहीं बस इतना ही फर्क नजर आता है
Bahut khoobsoorat
ReplyDeleteअध्यात्म से ओतप्रोत रचना।
ReplyDeleteजीवन के अध्यात्म, दर्शन को स्वाभाविक होकर जी रहे हैं आप। जीते रहिए। अगर इसीमें सुख है तो। बहुत सुन्दर मनोभाव।
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट ! मैंने तो इस पोस्ट को बुकमार्क ही कर दिया . धन्यवाद
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