6.12.14

बिताये हुये पल

बिताये थे जो पल, कभी संग तेरे,
वो बनकर उमड़ते हैं, यादों के बादल ।
बड़ी सोहती है, वो छाहों की ठंडक,
रहूँ काश ऐसी, बहारों में हर पल ।। १।।

अभी तक सुनाई पड़े बोल तेरे,
तेरा खिलखिलाना औ’ किस्से सुनाना ।
सताता है, रह रह कर, याद आ रहा है,
वो बातें बनाते हुये मुस्कुराना ।। २।।

कभी देर तक ही, बिना कुछ कहे ही,
सुझाये, बताये, दिखाये थे रस्ते ।
कई और बातें, छिपाई थी मन में,
आँखों ही आँखों में, चुपके से हँस के ।। ३।।

मुझे आकर हौले से, थपका गयी थी,
तेरी प्रेम-पूरित, सलोनी सी बातें ।
तेरी सान्त्वना से ही, सब मिल गया था,
उहापोह में क्यों बितायीं थी रातें ।। ४।।

अभी मेरे कानों में तुम बोलती हो,
रहो गुनगुनाती, वही गीत अपने ।
मैं सुनता रहूँ, तुम सुनाती रहो यूँ,
उनींदी सी आँखों में सजने दो सपने ।। ५।।

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  2. सुनी है उड़ती-उड़ती खबरें हमने तेज हवाओं में।
    याद हमें भी करते हैं वो लेकिन बस कविताओं में।

    ReplyDelete
  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (07-12-2014) को "6 दिसंबर का महत्व..भूल जाना अच्छा है" (चर्चा-1820) पर भी होगी।
    --
    सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  4. अभी मेरे कानों में तुम बोलती हो,
    रहो गुनगुनाती, वही गीत अपने ।
    मैं सुनता रहूँ, तुम सुनाती रहो यूँ,
    उनींदी सी आँखों में सजने दो सपने

    सुंदर रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. मैं एक Social Worker हूं और Jkhealthworld.com के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारियां देता हूं। आप हमारे इस blog को भी पढं सकते हैं, मुझे आशा है कि ये आपको जरूर पसंद आयेगा। जन सेवा करने के लिए आप इसको Social Media पर Share करें या आपके पास कोई Site या Blog है तो इसे वहां परLink करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें।
      Health World in Hindi

      Delete
  5. वह भी दिन थे!
    अब तो जिन्दगी डिस्टेण्ट सिगनल से होम सिगनल के बीच रेंग रही है!

    ReplyDelete
  6. मुझे आपकी blog बहुत अच्छा लगा। मैं एक Social Worker हूं और Jkhealthworld.com के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारियां देता हूं। मुझे लगता है कि आपको इस website को देखना चाहिए। यदि आपको यह website पसंद आये तो अपने blog पर इसे Link करें। क्योंकि यह जनकल्याण के लिए हैं।
    Health World in Hindi

    ReplyDelete
  7. कहते हैं कि वक़्त को याद बनने में समय नहीं लगता है, और कुछ वक़्त ऐसे होते हैं जो ज़ेहन में इतने अन्तः जाकर बैठ जाती है कि फिर जीना उन्ही कुछ पलों का नाम हो जाता है। ये यादें और इन यादों के बीच पसरे कुछ पल हौले हौले से उस जीवन का निर्माण करते हैं यादों के फलसफे में जीता है और जब तब घूम आता है यादों के शहर में, जहाँ होठों पर कभी मुस्कान तो कभी आँखों में पानी के कुछ टुकड़े अपने आप आ जाते हैं।

    ReplyDelete