13.12.14

कुछ निमन्त्रण

आज कुछ बरसात की बूँदें बरसती और हवा भी,
बह रही उन्मुक्त होकर और कोयल कूजती हैं,
औ’ मदित सा धुन्ध छाना चाहता निर्बाध होकर,
सरसता के इस समय में कमल-कोपल फूटती हैं ।

अब हृदय के द्वार में बजाते शहनाइयाँ है,
जो समय की बाट जोहे, थक गये थे चूर होकर ।

आज कविता बिन बँधे,
गाम्भीर्य की यादें भुला कर,
मस्त लहरों की तरह यूँ,
बहकना ही चाहती है ।

कभी जीवन की सुबह,
जो कल्पना की गोद में थी,
आज पाकर प्यार का,
संसार जीना चाहती है ।

आज यादों की सुनहरी शाम में,
मैने संजोये कुछ निमन्त्रण ।।

12 comments:

  1. प्रिय दोस्त मझे यह Article बहुत अच्छा लगा। आज बहुत से लोग कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त है और वे ज्ञान के अभाव में अपने बहुत सारे धन को बरबाद कर देते हैं। उन लोगों को यदि स्वास्थ्य की जानकारियां ठीक प्रकार से मिल जाए तो वे लोग बरवाद होने से बच जायेंगे तथा स्वास्थ भी रहेंगे। मैं ऐसे लोगों को स्वास्थ्य की जानकारियां फ्री में www.Jkhealthworld.com के माध्यम से प्रदान करता हूं। मैं एक Social Worker हूं और जनकल्याण की भावना से यह कार्य कर रहा हूं। आप मेरे इस कार्य में मदद करें ताकि अधिक से अधिक लोगों तक ये जानकारियां आसानी से पहुच सकें और वे अपने इलाज स्वयं कर सकें। यदि आपको मेरा यह सुझाव पसंद आया तो इस लिंक को अपने Blog या Website पर जगह दें। धन्यवाद!
    Health Care in Hindi

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (14-12-2014) को "धैर्य रख मधुमास भी तो आस पास है" (चर्चा-1827) पर भी होगी।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. कभी जीवन की सुबह,
    जो कल्पना की गोद में थी,
    आज पाकर प्यार का,
    संसार जीना चाहती है ।

    आज यादों की सुनहरी शाम में,
    मैने संजोये कुछ निमन्त्रण ।।

    शानदार प्रस्तुति।

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  4. क्या सन्जोग है - आज भी बारिश हो रही है। पर सर्द। शाल के विशाल वृक्षों के पत्तों पर जब आवाज आयी तो अहसास हुआ कि हो रही है बारिश। नहीं तो यूंही गुजर रहे थे उनके नीचे से।

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  5. समयानुकूल प्रभावोत्पाक कविता ।

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  6. आज पाकर प्यार का,
    संसार जीना चाहती है ।

    आज यादों की सुनहरी शाम में,
    मैने संजोये कुछ निमन्त्रण ।।

    शानदार प्रस्तुति।

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  7. है नहीं संभव यहाँ अब और रुकना एक भी क्षण/ शाम से ही वह वहाँ बैठा संजोये कुछ निमंत्रण. [ऋ.]

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  8. सात की बूंदों और हवा से रिश्ता बनाये रखिए। जिंदगी के लिए बेहद जरुरी हैं।

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  9. बरसात की बूंदों और हवा से रिश्ता बनाये रखिए। जिंदगी के लिए बेहद जरुरी हैं।

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