उदित हुआ जीवन, नूतन मन,
उद्वेगित, उत्साह भरा तन ।
भावनायें परिशुद्ध हृदय की,
आस भरी जीवन की गगरी ।।१।।
यात्रा बढ़ती, थी सुखद राह,
ऊर्जस्वित जीवन का प्रवाह ।
विस्तार सिमटते, पग बढ़ते,
मन-निश्चय हम पूरा करते ।।२।।
मदमाती वेला उत्सव की,
झूमे मन, देह, सफलता थी ।
रुक एक छाँह विश्राम करें,
फिर से मन में उत्साह भरें ।।३।।
आगामी आँधी का प्रवेग,
पर काल क्षितिज में छिपा एक ।
थी नहीं कोई चिन्ता दिखती,
निश्चिन्त आस मन में रहती ।।४।।
स्वप्नपूर्ण मन, सोये थे हम,
आयी आँधी, वेग प्रबलतम ।
राह लुप्त, राही सब भटके,
सकल ओर भीषणतम तम थे ।।५।।
जीवन का अस्तित्व कष्टमय,
स्थिर सब, बहता रहता भय ।
दिशा भ्रमित मन, लक्ष्य भूलता,
काल रुका स्तब्ध घूरता ।।६।।
बीती रात, संग दुख बीते,
हुआ प्रभात, सूर्य रण जीते ।
वेग शान्त होता मारुत का,
सकल दिख रही पूर्ण व्यवस्था ।।७।।
प्यास बुझाती बूँदें बरसीं,
मन की सब आशायें हरषीं ।
तब भूल सहज कल का प्रकरण,
कर लक्ष्य दिशा बढ़ गये चरण ।।८।।
हमेशा की तरह सहज व सुंदर । जीवन को प्रायः प्रासंगिक व उत्पे्रक तो हम स्वयं ही बनाते हैं कई बार इसके विपरीत भी ।चे
ReplyDeleteसुन्दर ....सकारात्मक भाव....
ReplyDeleteउत्कृष्ट ,सार्थक सकारात्मक भाव !!
ReplyDeleteमन को छूती सुंदर रचना ---
ReplyDeleteवाह बहुत खूब -----
सादर ---
बीती ताॉहि बिसार दे, आगे की सुधि लेह।
ReplyDeleteप्रणाम सर ! अद्भुत रचना ।कुछ हुआ पूर्ण , कुछ है आधा /जीवन यात्रा की यह गाथा /गागर में यह सागर भरता / हर पाठक का नतसिर माथा ।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteदिनांक 22/09/2014 की नयी पुरानी हलचल पर आप की रचना भी लिंक की गयी है...
हलचल में आप भी सादर आमंत्रित है...
हलचल में शामिल की गयी सभी रचनाओं पर अपनी प्रतिकृयाएं दें...
सादर...
कुलदीप ठाकुर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (21-09-2014) को "मेरी धरोहर...पेड़" (चर्चा मंच 1743) पर भी होगी।
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चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
fab as ever
ReplyDeleteवाह , बहुत सुन्दर रचना !! मंगलकामनाएं !
ReplyDeleteस्वप्नपूर्ण मन, सोये थे हम,
ReplyDeleteआयी आँधी, वेग प्रबलतम ।
राह लुप्त, राही सब भटके,
सकल ओर भीषणतम तम थे
गहरे अर्थ लिये सुंदर पंक्तियां।।
बहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeleteBahut umda bhivyakti !!
ReplyDeleteआशा का संचार और उर्जा का विस्तार करती सुन्दर रचना ।
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