27.11.13

मेरे विचार

बहुधा विचार टकरा जाते हैं,
मनस पटल पर आ जाते हैं ।
नहीं जानता किन स्रोतों से,
किस प्रकार के अनुरोधों से,
आवश्यक वे हो जाते हैं,
अवलोकन का प्रश्न उठाते,
चिन्तन पथ पर बढ़ जाते हैं ।।१।।

कभी कभी उद्वेलित करते,
उत्साहों से प्रेरित करते ।
कुछ झिंझोड़ते, मन निचोड़ते,
और कभी मन बहलाते हैं ।
अपनी अपनी छाप छोड़ सब,
आते और चले जाते हैं ।।२।।

शायद मेरा सार छुपा था,
जीवन का आकार छुपा था ।
अभी कहीं वे जीवित होंगे,
अनुपस्थित जो हो जाते हैं ।
आने के अनुकूल समय में,
आयेंगे जो अति भाते हैं ।।३।।

दुख में घावों को सहलाने,
मन का सारा क्लेष मिटाने ।
लाकर अद्भुत शान्ति हृदय को,
चुपके से पहुँचा जाते हैं ।
सुन्दरता से तार छेड़ने,
बिन बुलाये ही आ जाते हैं ।।४।।

30 comments:

  1. विचारों का जरिया भी भला आज तक कोई जान पाया है, पल में इधर तो पल में उधर..

    ReplyDelete
  2. बिना बुलाये आ जाते हैं

    वाह !!

    ReplyDelete
  3. sunder vichar, sab ke liye achchhi hoti hai.

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर पंक्तियाँ ..... विचार कुछ यूँ ही दस्तक देते हैं ...

    ReplyDelete
  5. विचार औषधि हैं ... मन को दृढ़ता देते हैं ....!!सुंदर भाव ...सुंदर रचना ....!!

    ReplyDelete
  6. आकस्मिक विचारों का प्रवेश आह्लादित करता है।

    ReplyDelete
  7. विचारों की डगर, रोचक और सुन्‍दर।

    ReplyDelete
  8. अ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतः
    सब ओर से उदात्त विचार मेरे पास आयें

    ReplyDelete
  9. बहुत खूब लिखा है...विचार तो प्रवाहमान ही अच्‍छे...होते हैं, रुकने पर दुर्गंध आने की संभावना है।

    ReplyDelete
  10. अत्यंत सुंदर और भाव प्रवण रचना.

    रामराम.

    ReplyDelete
  11. हमारे विचार ही हम हैं...

    ReplyDelete
  12. सच यह विचार होते ही ऐसे है, बिना बुलाये ही आजाते है।

    ReplyDelete
  13. सुन्दर काव्य रचना ......
    --- अध्ययन-मनन द्वारा प्राप्त अनुभव, ज्ञान,तर्क-शक्ति व विवेक द्वारा संस्कारित भाव ही विचार बनकर उभरते हैं ....

    ReplyDelete
  14. hamaare to ham se roothe hain aajkal :(.
    sundar kavita rachi hai aapne.

    ReplyDelete
  15. बिना बुलाए आ जाते हैं....वाह।

    ReplyDelete
  16. मनुष्य जैसा सोचता और करता है वह वैसा ही बन जाता है । सुन्दर कविता, रस-मय कविता ।

    ReplyDelete
  17. वास्तविकता लिए सुन्दर कविता !
    नई पोस्ट तुम

    ReplyDelete
  18. नहीं जानता किन स्रोतों से,
    किस प्रकार के अनुरोधों से,
    आवश्यक वे हो जाते हैं,
    अवलोकन का प्रश्न उठाते,
    चिन्तन पथ पर बढ़ जाते हैं ।।१।
    सार्थकता लिये सशक्‍त अभिव्‍यक्ति

    ReplyDelete
  19. विचारों की उत्पत्ति के स्रोत को जान लिया तो मन से ऊपर उठना आसान हो जाता है।
    यही तो सत्य है, परम आनंद है।

    ReplyDelete
  20. बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  21. शानदार रचना

    ReplyDelete
  22. कभी कभी उद्वेलित करते,
    उत्साहों से प्रेरित करते ।
    कुछ झिंझोड़ते, मन निचोड़ते,
    और कभी मन बहलाते हैं ।
    अपनी अपनी छाप छोड़ सब,
    आते और चले जाते हैं ।।२।।


    दुख में घावों को सहलाने,
    मन का सारा क्लेष मिटाने ।
    लाकर अद्भुत शान्ति हृदय को,
    चुपके से पहुँचा जाते हैं ।
    सुन्दरता से तार छेड़ने,
    बिन बुलाये ही आ जाते हैं ।।४।।

    मुझको जब तब दुलराने को ,

    भूली बिसरी दोहराने को

    भाव समुन्दर आ जाते हैं।

    सुन्दर गीतात्मक प्रस्तुति भाव गंगा।

    ReplyDelete
  23. औरों को भी सहला जाता हैं..सुन्दर विचार......

    ReplyDelete
  24. विचार हमारे गतिशील रहने की निशानी हैं ...
    आते रहें तो ठीक है ...

    ReplyDelete
  25. कितना अच्छा है की बिन बुलाये भाव और विचार आ जाते हैं ..... यहाँ तो बुला बुला कर थक भी गए ।

    ReplyDelete