विश्व वंचित कर रहा है,
है सकल संवाद स्थिर,
दृष्टि में दिखती उपेक्षा,
भाव तम एकांत में घिर।
मान लो संकेत है यह,
कर्म एकल, श्वेत है यह,
आत्म की राहें प्रतीक्षित,
रत्नपूरित खेत है यह।
एक क्षण भी नहीं रोना,
हृदय की ऊर्जा पिरोना,
मिल गया अवसर अनूठा,
एक क्षण भी नहीं खोना।
आत्म है अनमोल जीवन,
उस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
एक क्षण भी नहीं रोना,
ReplyDeleteहृदय की ऊर्जा पिरोना,
मिल गया अवसर अनूठा,
एक क्षण भी नहीं खोना। एक प्रेरणा प्रदान करती सुन्दर कविता।।
नव उर्जा का सारगर्भित गीत
ReplyDeleteआत्म है अनमोल जीवन,
उस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
सार तो मुझे अंतिम पंक्ति में दिखायी देता है.
ReplyDeleteसारा सार तो चित्र में ही दर्शित है । नव-पल्लवित हो जीवन सदा ।
ReplyDeleteएक क्षण भी नहीं रोना,
ReplyDeleteहृदय की ऊर्जा पिरोना,
मिल गया अवसर अनूठा,
एक क्षण भी नहीं खोना।
सकारात्मक ...सारगर्भित पंक्तियाँ ....चहुँ ओर व्याप्त अंधकार ....अथक परिश्रम ही राह दिखायेगा और जीवन प्रशस्त करेगा .......!!
एक क्षण भी नहीं रोना,
ReplyDeleteहृदय की ऊर्जा पिरोना,
मिल गया अवसर अनूठा,
एक क्षण भी नहीं खोना।
जोश और बोध को जगाती सुंदर रचना, शुभकामनाएं.
रामराम.
अंतर्मन को सकारात्मक ऊर्जा देती पंक्तियाँ .....
ReplyDeleteजीवन के प्रत्येक क्षण का भरपूर सदुपयोग होना चाहिये.
ReplyDeleteदुहराना चाहूँगा गद्य का गाम्भीर्य हो या पद्य का आवेग, आप की प्रस्तुतियाँ अद्भुत होती हैं। जियो प्रवीण भाई जियो।
ReplyDeleteआत्म है अनमोल जीवन,
ReplyDeleteउस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
बहुत उम्दा,भावपूर्ण गहन अभिव्यक्ति,,,
RECENT POST: दीदार होता है,
जीवन का सार समझाती सुन्दर रचना।
ReplyDeleteआत्म है अनमोल जीवन,
ReplyDeleteउस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
बहुत सुंदर ...
जीवन का एक एक क्षण कीमती हैं ...
ReplyDeleteबधाई !
जीवन का मूल्यांकन !!!!!!!
ReplyDeleteअनमोल जीवन अनमोल वचन
ReplyDeleteअनमोल जीवन अनमोल वचन
ReplyDeleteAnmol jiwan ko bhi to samajh nahi paya vyarth hee apnon ko rulaya jane patthat tha ya aur kuch kishi ke kam mai kabhee nahi aaya
ReplyDeleteअनमोल जीवन, तन, मन,
ReplyDeleteबड़ी ही अच्छी कविता लिखी है.. दिल को छू गयी..
ReplyDeleteसचमुच जीवन कितना अनमोल है.....
आत्म है अनमोल जीवन,
ReplyDeleteउस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
अनुपम भाव संयोजन ...
आभार
प्रेरक है आपकी यह सीधी-सादी कविता।
ReplyDeleteअति सुन्दर....
ReplyDeleteवाह !तुम हो कौन कहाँ से आये , अपने आप को जानो ,राज योग के द्वारा अपना परम पिता पहचानो .इसी राज पथ पर चलके तुम पा लो अपना बसेरा ,होगा दूर अन्धेरा .जीवन अपना लक्ष्य पा जाएगा .ॐ शान्ति .
ReplyDeleteसच है ये जीवन अनमोल है.. बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteउदबोधक उदगार
ReplyDeleteएक क्षण भी नहीं रोना,
ReplyDeleteहृदय की ऊर्जा पिरोना,
मिल गया अवसर अनूठा,
एक क्षण भी नहीं खोना।
- बहुत प्रेरक पंक्तियां हैं !
देख ले क्या क्या छिपा है,
ReplyDeleteजान ले क्या मोल जीवन।
प्रेरणादायक जीवन का मूल्य अनमोल है.
ReplyDeleteआत्म है अनमोल जीवन,
उस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
जीवन के मन के विविध आयामों को खंगालती पोस्ट बेहतरीन अंदाज़ और तारतम्य लिए .जीवन के उजले पक्ष को वजन देती पोस्ट .शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .
बहुत ही सुन्दर लेख
ReplyDeleteहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये इसे एक बार अवश्य देखें,
लेख पसंद आने पर टिप्प्णी द्वारा अपनी बहुमूल्य राय से अवगत करायें, अनुसरण कर सहयोग भी प्रदान करें
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ReplyDeleteॐ शान्ति .शुक्रिया आपका शिव बाबा की पोस्ट्स पर .
हर पल का सम्पूर्ण दोहन .देख तो किस पल के गर्भ में भला छिपा है क्या .दे रहा जीवन निमंतरण .सुन अरे !ओ !विकल मन .
ॐ शान्ति
bahut badhiya lekh
ReplyDeleteBeautiful poem. Love the rhyme and soul of it.
ReplyDeleteOne of the best..
ReplyDeleten very inspiring.. I've noted it down :)
वक़्त वो अब आ गया है
ReplyDeleteश्वेत रक्त बल खा गया है
थाम लो हाथ मिल सब
प्रवीण ये समझा गया है ....:))
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात
शानदार रचना
ReplyDeleteजीवन का बोध और सदुपयोग करने को प्रेरित करती कविता !
ReplyDeleteआत्म है अनमोल जीवन,
ReplyDeleteउस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।-प्रेरणा दायक पंक्तियाँ
latest post'वनफूल'
ReplyDeleteतूने रात गंवाई सोया के ,दिवस गवांया खाय के ,हीरा जन्म अमोल था कौड़ी बदले जाए .....यही
संकेत है यहाँ भी -देख तो अनमोल जीवन ...........
एक क्षण भी नहीं रोना,
ReplyDeleteहृदय की ऊर्जा पिरोना,
मिल गया अवसर अनूठा,
एक क्षण भी नहीं खोना। ...बहुत सुन्दर प्रेरणा ..
अन्तरमन के द्वार खुलने पर ही जीवन का सत्य समझ में आता है । उत्प्रेरक कविता ।
ReplyDeleteआत्म है अनमोल जीवन,
ReplyDeleteउस विरह को खोल जीवन,
देख ले क्या क्या छिपा है,
जान ले क्या मोल जीवन।
......................
कस्तूरी कुंडल बसे.