एक माह पहले जन्मदिन पर ढेरों बधाइयाँ आयी थीं, मन सुख से प्लावित हो गया था। आँखें बन्द की तो बस यही शब्द बह चले। यद्यपि फेसबुक पर इसे डाल चुका था, पर बिना ब्लॉग में स्थान पाये, बिना सुधीजनों का स्नेह पाये, रचना अपनी पूर्णता नहीं पा पाती है।
दुआ सबकी मिल गयी, अच्छा हुआ,
चिहुँकता हर बार मन, बच्चा हुआ,
कुछ सफेदी उम्र तो ले आयी है,
हाल फिर भी जो हुआ, सच्चा हुआ।
दिन वही है, बस बरसता प्यार है,
इन्द्रधनुषी सा लगे संसार है,
मूक बहता, छद्म, दुविधा से परे,
उमड़ता है, नेह का व्यापार है।
लाज आती, कोई आँखों पर धरे,
शब्द मधुरिम कर्णछिद्रों में ढरे,
कुटिल मन की गाँठ, दुखती क्षुद्रता,
कोई तत्पर, विहँस बाँहों में भरे।
नित्य निद्रा में अकेला, किन्तु अब,
स्वप्न में भी संग चले आयेंगे सब,
आज होगा एक जलसा देखना,
छन्द छलकें, हृदय मिल जायेंगे जब।
मैॆ रखूँगा साथ, इस विश्वास को,
प्रेमपोषित इस अनूठी प्यास को,
कल सबेरा पूर्णतः उन्नत खिले,
साध लूँगा प्रकृति की हर साँस को।
जन्मदिन की अनगिन शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत सुंदर। जन्मदिन की बधाई!
ReplyDeleteजन्मदिन पर हार्दिक बधाइयाँ व शुभकामनाएँ
ReplyDeleteवाह, बहुत ही अच्छी कविता.. जन्मदिन की बहुत बधाई
ReplyDeleteफ़िर से मुबारक!
ReplyDeleteजन्मदिन की अनगिन शुभकामनायें !
ReplyDeleteकच्ची रसीद अब पक्की हो गई ।
ReplyDeleteजन्मदिन की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteदेर से सही।
बहुत ही अच्छी सी प्यारी सी कविता |
ReplyDeleteखुशी इस बात की है कि फेसबुक के प्रति लोगों की असीम आसक्ति के चलते भी आपने ब्लॉग को अधिक महत्वपूर्ण समझा.शुभकामनाएं
ReplyDeleteजन्मदिन की बधाई!
ReplyDeletelatest post हे ! भारत के मातायों
latest postअनुभूति : क्षणिकाएं
बढ़िया आभार प्रकट किया है प्रवीण जी ..
ReplyDeleteबधाई !
जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवं दीर्घ ,सुख-शान्तिमय जीवन हेतु शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteप्रवीण जी जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवं बहुत बहुत शुभकामनाएं..
ReplyDelete:)
ReplyDeleteआशाएं और विशवास आपका जीवन सदैव खुशियों से भरा रहे .....ढेरों शुभकामनायें
ReplyDelete*विश्वास लिए
Deleteपिछले माह जन्मदिन था ..... पता ही नहीं चला .... देर आए दुरुस्त आए ..... देर से ही सही जन्मदिन की अनेकों शुभकामनायें .... सुंदर भाव से सुसज्जित सुंदर रचना ....
ReplyDeleteलीजिये पाण्डेय जी, एक बार फिर हमारी ओर से हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें स्वीकार कीजिये !
ReplyDeleteदोस्तों का प्यार आपकी इस कविता में छलक आया है. अशेष शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteनित्य निद्रा में अकेला, किन्तु अब,
Deleteस्वप्न में भी संग चले आयेंगे सब,
आज होगा एक जलसा देखना,
छन्द छलकें, हृदय मिल जायेंगे जब।.........बहुत सुन्दर। दुआ और जलसा शब्द हटा दें कविता से तो सोने पे सुहागा हो जाएगा।
एक बार फिर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें
ReplyDeleteHaippi badde tu yu
ReplyDeleteकितनी सुन्दर कविता ...वाह .
ReplyDeleteतो इस बार ब्लॉग जगत की ओर से जन्मदिन की बधाइयाँ. आप निरंतर इस साहित्य सृजनगाथा को निरंतर आगे बढ़ाते रहें. शुभकामनाओं सहित.
ReplyDeleteएक बार फिर से जन्म दिन की बधाइयाँ। ख़ुश रहें और ऐसे ही साहित्य सेवा करते रहें।
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन १५ मई, अमर शहीद सुखदेव और मैं - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति कल के चर्चा मंच पर है
ReplyDeleteधन्यवाद
इस सुंदर रचना से आभार प्रदर्शन इसे और भी सुंदर बना गया, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
फिर से जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ। सुन्दर पंक्तियाँ :)
ReplyDeleteनये लेख : 365 साल का हुआ दिल्ली का लाल किला।
देर से ही सही जन्मदिन की ढेरों बधाइयां बहुत सुन्दर कविता रची है इसके लिए भी बधाई
ReplyDeleteजन्म - दिवस ही नहीं , आपका सारा जीवन ....
ReplyDeleteआनंदित हो , तृप्ति- युक्त हो , कृपा करें परमेश्वर
ये बर्थडे ट्रीट भी शानदार है।
ReplyDeleteआभार बताता हैं, हम जिन्दा हैं,जिंदादिल भी।वो हमें हल्का करता हैं, और जीवन को जस तस स्वीकार करता हैं .
ReplyDeleteजन्मदिन मुबारक .
हमारा भी अभी ही गया हैं, कुछ लिखा था:
एक बसंत और बीता.
उम्र का प्याला और रीता.
http://rahulpaliwal.blogspot.in/2010/05/blog-post_6230.html
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .मन को छू गयी आभार . कायरता की ओर बढ़ रहा आदमी ..
ReplyDelete"पी पी" आज पपीहे बोल
ReplyDeleteघड़ी सुहानी है अनमोल
खुशियों का पहना दे ताज
जन्म दिवस पी पी का आज..............
हैप्पी बर्थ डे.................
जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनाये।।।।।
ReplyDeleteसुन्दर पोस्ट
सुन्दर पंक्तियों में आभार प्रदर्शन का अनूठा रंग है,आपको भी आभार.
ReplyDeleteदुआएं मिलती रहें ... बढते हुए भी इंसान अगर बच्चा रह सके तो फिर बात ही क्या ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावमय गीत ...
स्नेह व शुभकामनाओं के प्रति ऐसा भावपूर्ण उल्लासमय आभार । वाह प्रवीण जी । आपका जन्मदिन तो नही मालूम फिर भी आप शतायु हों स्वस्थ व प्रसन्न रहें यही कामना है ।
ReplyDeleteजिंदगी फूल सी हो, हर एक पल खुशबू बिखरे
ReplyDeleteहर एक लम्हा सुबह जैसी ताजगी लाये
हर दिन कलम नई कविता, नए छंद रचे
इतना मिले कि बांटे बिन रहा न जाए।
नित्य निद्रा में अकेला, किन्तु अब,
ReplyDeleteस्वप्न में भी संग चले आयेंगे सब,
आज होगा एक जलसा देखना,
छन्द छलकें, हृदय मिल जायेंगे जब।
...बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति...एक बार फ़िर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
दिल तो बच्चा है जी! :)
ReplyDeleteबहुत बधाइयां....
ReplyDeleteबहुत सुंदर...देर सही, बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteबहुत श्रेष्ठ कृति।
ReplyDeleteBelated Happy Bday ...treat shandaar hai
ReplyDeleteशुभकामनायें ...
ReplyDeleteder se sahi ..... janmdin kee hardik shubhkamnaye
ReplyDeletedhiru singh
darvaar
कल सबेरा पूर्णतः उन्नत खिले,
ReplyDeleteसाध लूँगा प्रकृति की हर साँस को।
अनुपम भाव संयोजन .... अनंत शुभकामनाएँ एक बार फिर से
सादर
जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाये, बिलम्बित ।
ReplyDeletePraveen ji,
ReplyDeleteVilamb se hi sahi Janm divas ki hardik shubhkamnayen sveekaar karen.....
aapki yah rachna bhi bahut achchhi lagi.
shubhkamnaon ke sath.
Poonam
Janm din ki bahut bahut badhai Praveen ji ....bahut hi pyari rachna hai, khas taur par yah panktiyan कल सबेरा पूर्णतः उन्नत खिले,साध लूँगा प्रकृति की हर साँस को....
ReplyDeleteManju Mishra
www.manukavya.wordpress.com
Der se hi sahi Meri bhi badhai swikar karen.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लगीं ये पंक्तियॉं -
ReplyDeleteकल सबेरा पूर्णतः उन्नत खिले,
साध लूँगा प्रकृति की हर साँस को।
'देर आयद, दुरुस्त आयद' की तर्ज पर, जन्म दिन की बधइयॉं और शुभ-कामनाऍं स्वीकार करें।