21.3.12

होली के उन्माद में नाचना

नृत्य और संगीत, कहते हैं कि स्वर्ग की एक भेंट है, हम पृथ्वीवासियों के लिये। स्वर्ग में हर पग नृत्य है और हर बोल संगीत। कई विधायें हैं, संस्कृतियों के प्रभाव हैं, शास्त्रीय, आधुनिक, स्थानीय लोकगीत व लोकनृत्य। हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से नृत्य और गीत से जुड़ा हुआ है। गाना अधिक व्यापक है, घर में, स्नान करते समय, टहलते हुये, पूजा करने में, खाना बनाते बनाते, हम सब कुछ न कुछ गा लेते हैं, गुनगुना लेते हैं। नाचना थोड़ा कम हो पाता है, अब आप राह चलते नाच तो नहीं सकते हैं।

जिनके पास समय है, साथ है और धन भी है, वे डिस्को आदि में जाकर अपना नृत्य-कौशल दिखा आते हैं। हम जैसे सामान्य जीवनशैली धारकों के लिये केवल दो ही अवसर आते हैं, नाचने के। एक तो किसी निकटस्थ के विवाह में या होली में। होली वर्ष में एक बार ही आती है और सारे निकटस्थों के विवाह धीरे धीरे होते रहने से नाच पाने का अवसर कम ही मिल पाता है। जहाँ पर लोक संस्कृतियाँ अभी भी जीवित हैं और किसी न किसी नृत्य शैली से संबद्ध हैं, वहाँ पर नाचने को समुचित अवसर मिलता रहता है।

प्रेम के विशेषज्ञों की माने तो, नृत्य हमारे गुणसूत्रों में आदिमकाल से विद्यमान है, एक मानसिक उथलपुथल के रूप में। वह उथलपुथल रह रहकर अपना निरूपण ढूढ़ती है, आन्तरिक विश्रंखलता नृत्य को सर्वश्रेष्ठ माध्यम मानती है। किसी को विवाह में नाचते हुये ध्यान से देखिये, ऐसा लगता है कि ऊर्जा का अस्त व्यस्त उफान एक एक कर सभी अंगों से बाहर आने का प्रयास कर रहा हो। आप अपना वीडियो स्वयं देखिये, लगेगा कोई और व्यक्ति है। नीत्ज़े कहते हैं कि आपको यदि नृत्य में बहुत अच्छा करना है तो मन की उथलपुथल का सहारा लीजिये। हिरोमू आराकावा कहते हैं कि इस अव्यवस्थित और उथलपुथल भरे विश्व में सौन्दर्य बिखरा पड़ा है। संभवतः नृत्य उसका प्राकृतिक निरूपण है।

किसी के नृत्य करने का ढंग उसके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कह जाता है। संगीत की बीट के अनुसार पैर थिरकने चाहिये, वह तो आवश्यक ही है और सबके होते भी हैं, पर बाकी शरीर को किस तरह से संगीत में लहराया जाता है, वह हर एक के लिये अलग अलग होता है। कुछ लोगों को प्रेमासित मध्यम नृत्य भाता है, धीरे धीरे, अपने प्रेमी के साथ, लगता है मन के श्रंगार को सुगढ़ दिशा देने का कोमल प्रयास चल रहा है, ऊर्जा से अधिक स्पर्श को प्राथमिकता देता हुआ, अपने और अपनों में खोया हुआ। कई लोगों को लयात्मक नृत्य भाता है, अंगों को भाव प्रधान संवाद करते हुये, लगता है कोई सोचा हुआ संदेश प्रसारित हो रहा हो। मुझे जब भी नाचने का अवसर मिलता है, मेरे लिये वह एक ऊर्जायुक्त घटना होती है। मुझ जैसे बहुतों के लिये नाचने के लिये जब कम समय मिलता हो, तो उसमें मन की उथलपुथल ही निकलना स्वाभाविक है।

नृत्य दैनिक जीवन का हिस्सा नहीं है, होली जैसे उत्सवों में इस तरह के आनन्ददायक क्षण मिलते हैं, उन्मादित हो नृत्य करने के लिये। रंगों के पीछे हमारी कृत्रिमता छिप जाती है, या कहें कि हमारा आदिम स्वरूप बाहर आ जाता है, उपाधियों के आवरण से परे, अपने मूल स्वरूप में सराबोर, होली के उन्माद में। मित्रों का साथ, बच्चों का उत्साह, ऊर्जा से अभिभूत वातावरण, यदि आप नाच न उठें तो आपको स्वयं से कुछ गहन प्रश्न करने पड़ेंगे। कोई होली ऐसी न बीती होगी, जब जी भर कर नाचे न हों, थककर चूर न हो गये हों, दोपहर में निढाल होकर सोये न हों, शाम के मित्रों के गाना न गाया हो।

जब तक पढ़ते थे, होली का आनन्द परीक्षाओं के पहले मन का गुबार निकालने का साधन रहता था, अब नौकरी में मार्च महीने में लक्ष्य प्राप्ति की सघनता होली में गुबार निकालने का कारण बनती है। आनन्द बटोरने की व्यग्रता होली को उसका स्वच्छंद स्वरूप दे देती है। होली को सदियों से आनन्द का आशीर्वाद मिला है, होली को हमारे आदिम भाव उभारने का आशीर्वाद मिला है, होली को आनन्द में छोटे छोटे मतभेद स्वाहा कर देने का आशीर्वाद मिला हुआ है। यदि आपने जी भर कर होली के आशीर्वाद का लाभ नहीं उठाया तो अगले वर्ष तक पुनः प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

हम तो जी भर कर नाचे, सबके साथ। यदि आप इस वर्ष संकोच में रहे हों तो अगली बार हमारे घर में आकर होली खेलें, जी भर कर नाचेंगे, और चीख कर कहेंगे, होली है।

61 comments:

  1. यह कसर भी तो पूरी होनी चाहिए .... होली के बहाने ही सही
    बहुत खूब

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  2. वाह जी, बड़ा झूम के नाचे...आनन्द आ गया तस्वीरें देखकर होली की....

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  3. बहुत बढ़िया -मन को उन्मुक्त करने का अवसर है होली !

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  4. मुद्राएँ या भंगिमा, चंचल चित्त प्रदर्श ।

    उत्तेजित क्रोधित बदन, चाहे होवे हर्ष ।

    चाहे होवे हर्ष, वर्ष भर भरे कुलांचें ।

    तनिक हुआ आकर्ष, रोज वो सिर पर नाचें ।

    रविकर साला का' न्ट , आप की हो ली होली ।

    खुशियाँ सबको बाँट, डाल के भँग की गोली ।।

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  5. नृत्य और होली का सम्बन्ध तो होता ही है,जीवन का ही सम्बन्ध नृत्य से है ,यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें पहुँच मनुष्य क्षण भर ही सही, दुश्चिंताओं से मुक्त हो नैशार्गिक विन्यासों को प्राप्त करता है / भारतीय -यूरोपीय विद्वान एक सुर से सहमत हैं नृत्य का आगाज ,ख़ुशी के जन्म से होता है / बहुत रोचक प्रशंसनीय आलेख पांडेय जी / शुभकामनायें ....

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  6. फटी हुई बनियान में नाचे नन्द किशोर,
    होली के हुडदंग में खूब लगा कर ज़ोर !!

    ...अच्छा तो आप नाच भी लेते हैं.मन का सबसे अच्छा व्यायाम है यह !

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  7. नृत्य और रंग का जीवन से अटूट सम्बन्ध है.....होली पर आपका नृत्य अच्छा लगा... अगली होली की अग्रिम शुभकामना

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  8. "होली को आनन्द में छोटे छोटे मतभेद स्वाहा कर देने का आशीर्वाद मिला हुआ है"
    ब्लॉग जगत इसका अपवाद है !
    हालांकि आपकी सदाशयता बरक़रार है ! नज़र न लगे किसी की :)

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  9. सतरंगे खूबसूरत भावों की थिरकन.

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  10. तो अगली होली बैंगलोर की? किस्‍मत वाले होते हैं वे लोग जो खुलकर आनन्‍द उठा लेते हैं।

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  11. भले गायन न सही नृत्य तो वास्तव में हमारे गुणसूत्रों में सदैव बना रहता है. यह होता भी रहता है परन्तु हमें आभास नहीं होता. होली एक ऐसा अवसर है जब व्यक्ति सभी संकोचों से बाहर आ जाता है. अच्छा लगा आप को अपने मूल स्वरुप में देख कर.

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  12. वाह रंगों में सराबोर और नृत्य की थिरकन

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  13. वाह ...बहुत खूब ...अब पूरे साल ऊर्जा बनी रहेगी ....

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  14. ऐसा एक्शन तो शायद लगाए बिना नहीं बन पाता :)

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  15. सच है होली में धमाल न किया तो मज़ा ही क्या ...
    चलो एक बात तो पता चल गयी आप नाचते भी हैं और गाते भी हैं ...

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  16. होली, नृत्य और संगीत.. त्रिवेणी!!

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  17. नृत्य और संगीत, कहते हैं कि स्वर्ग की एक भेंट है, हम पृथ्वीवासियों के लिये। स्वर्ग में हर पग नृत्य है और हर बोल संगीत। कई विधायें हैं, संस्कृतियों के प्रभाव हैं, शास्त्रीय, आधुनिक, स्थानीय लोकगीत व लोकनृत्य।
    जीवन से बंधा हुआ, खिला हुआ ...खूबसूरत आलेख ....शुभकामनायें ...!!.

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  18. रोचक आलेख.

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  19. हमने तो इस बार चीख चीख कर लोगों को बताया की आज होली है . वो भी मृदंग के साथ .

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  20. सच है होली में धमाल न किया तो मज़ा ही क्या ..

    वाह ...बहुत खूब ..

    my resent post

    काव्यान्जलि ...: अभिनन्दन पत्र............ ५० वीं पोस्ट.

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  21. * रंगों के पीछे हमारी कृत्रिमता छिप जाती है,..... *
    बड़ी भली सी बात कही आपने!
    होली के रंगों को जीती हुई सुन्दर पोस्ट!

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  22. थिरकते कदम जीने का अंदाज बदल देते हैं ...

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  23. वाह ...बहुत ही बढिया ...हर वर्ष यूं ही होली मनते रहे नृत्‍य और संगीत के साथ शुभकामनाएं ..

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  24. ये होली तो मिस हो गयी...अगली होली बैंगलोर में रहे तो पक्का रहा. फोटो मस्त आई है :)

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  25. अरे! आप ने तो कपड़ा फाड़ होली मनाई लगती है| पर तस्वीरे बहुत रंगीली हैं, :) मस्ती से भरी हुई |

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  26. अगर तन रंगा हो तो मन खुद ही रंग जाता है और फिर जीने का अंदाज मचल जाता है...

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  27. रंग की बारिश मे भीगा ये जहाँ अच्छा लगा,
    झूमने धरती लगी,ये आसमां अच्छा लगा। बहुत खूब सरजी,अगले साल मै सरजी के घर होली मे जरूर आऐगे।शत-शत नमन।

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  28. वाह जी सर.. क्या खूब आपने अपने नृत्य कला को इस लेख में उकेरा है..
    नाचने का अलग ही मज़ा है जो गाने में नहीं हो सकता और उल्टा भी..
    अगली बार आप ही के साथ खेलेंगे होली.. बोले तो "होली है!!" बोलने के लिए और हाँ थिरकने के लिए भी :)

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  29. नृत्य हमारे गुणसूत्रों में आदिमकाल से विद्यमान है, एक मानसिक उथलपुथल के रूप में।
    सही है।

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  30. यह हुई न बात. नृत्य के बिना कैसी होली.शानदार तस्वीरें.

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  31. शुभकामनायें आपको, !
    यह डांस याद रहेगा ...

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  32. मुझे आपसे ईर्ष्‍या हो रही है। मैं इतना सहज जीवन क्‍यों नहीं जी पा रहा। ईश्‍वर की यह अनुकम्‍पा आप पर आजीवन इसी प्रकार बनी रहे।

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  33. संगीत जीवन के हर मोड़ का हिस्सा है .आये तब संगीत .यदि आप एक्स -वाई हस्ती हैं तो आपके जन्म पे तवा बजएगा -आज तो बधाई बाज़ी रंग महल में ...,और एक्स -वाई होने पे लोगों के मुंह लटक जायेगें .मुख मुद्राएँ देह भाषा बदलेगी .और आखिर पड़ाव पर भी कबीर कहतें हैं -काया कैसे रोई तज दिए प्राण ,चार जने जब लेकर चाले .......संगीत अभिव्यक्ति है जीवन के सुख दुःख की और नृत्य उसकी कलात्मक अभिव्यंजना ,उन्माद .नृत्य अवसाद का इलाज़ है .संगीत भी एक चिकित्सा है .रक्त चाप कम करता है पसंदीदा संगीत सुनिए .तन मन की थकान मिटेगी .और होली बंधनों को निर्बंध करती है .छंदोबद्ध से मुख छंद की और मार्च है . बेहतरीन विचारपरक पोस्ट .

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  34. गनीमत है कि मुझे नाचना नहीं आता. यद्यपि श्रीमती जी के इशारों पर फिर भी नाचना पड़ता है.

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  35. होली ऐसे ना खेली तो फिर क्या खेली..:)

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  36. आपकी बातों से पूर्णतः सहमति है शुभकामनायें आपको...

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  37. होली की ठिठोली....
    झूमों नाचो सब मिल संग...!

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  38. सच में उन्माद लिए है होली की मस्ती ......

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  39. तो हो जाए.............होली है ...............हुर्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रे

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  40. होली में मतभेद समाप्त हो जाते हैं तो कई बार बढ़ भी जाते हैं :)
    तस्वीरों का उल्लास अच्छा लग रहा है !

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  41. Bahut achhe...aapne jo camera use kiya hai uski quality vishwaastriya hai!!!

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  42. Anonymous22/3/12 10:33

    Bahot achha lagaa tasveere dekh kar

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  43. sach baat kahi hai aapne ---praveen ji
    yatyohar isi liye to hotain hai ki ham aapsi mat bhed ko mita sakain.
    par kya ye puri tarah sambhav ho paata hai------
    poonam

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  44. यू ही अपनों के संग खुशिया मनाते रहें!

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  45. यही वह रंग हो जो असल में होली को होली बनाता है, बाक़ी रंग तो छुड़ाने के लिए होते हैं।

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  46. भर-भर कर देता जा, साक़ी मैं कर दूँगा दीवाला,
    अजब शराबी से तेरा भी आज पड़ा आकर पाला,
    लाख पिएँ, दो लाख पिएँ, पर कभी नहीं थकनेवाला,
    अगर पिलाने का दम है तो जारी रख यह मधुशाला।
    .....पता नहीं क्यों, उमर खय्याम की उपरोक्त पंक्तियां याद आ गईं।

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  47. सर जी ! होली के साथ तस्वीर की रौनक भी मजे की है !

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  48. संगीत और नृत्य हम भारतवासियों के जीवन का अभिन्न अंग है ... कोई भी पर्व या उत्सव हो ... इनके बिना अधुरा सा लगता है ... बहूत अच्छा लेख .... और तसवीरें भी शानदार ... :)

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  49. अपुन तो होली पर भी हमेशा बस भीतर-भीतर ही नाचते रह जाते हैं. क्या कहियेगा इसे.

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  50. रंगों के पीछे हमारी कृत्रिमता छिप जाती है, या कहें कि हमारा आदिम स्वरूप बाहर आ जाता है, उपाधियों के आवरण से परे, अपने मूल स्वरूप में सराबोर, होली के उन्माद में।

    यह अद्भुत विचार है। होली के माध्यम से हमारी स्वाभाविक प्रसन्नता व आनंदभाव प्रकट होता है। आपने इस आनंद का आनंद उठाया इसके लिये हार्दिक बधाई।

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  51. वाह प्रवीण जी क्या बात है !!ज़बर्दस्त होली का मज़ा लिया आप ने तो !

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  52. सच है होली में धमाल न किया तो मज़ा ही क्या| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  53. ये कपडा-फाड़ होली वाकई बहुत अच्छी लगी. इलाहाबाद के पुराने दिन याद आ गए..धमाल ही धमाल...

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  54. बहुत सुंदर विवेचन...नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें !

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  55. बाई द वे, पूजा को आपने भी 'प्रेम के विशेषज्ञ' की उपाधि दे डाली है :) परफेक्ट है ;)
    पहली तस्वीर में तो आप कमाल नाच रहे हैं...ऐसा लग रहा है जैसे सलमान खान नाच रहा है और औडीयंस दिल थामे नाच देख रहा है :P जबरदस्त डांसर हैं जी आप, और क्या एक्सप्रेसन हैं :P

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  56. जिन्हें होली मानाने का अवसर न मिला, उनकी होली मनवाने के लिए धन्यवाद. बहुत सुन्दर आलेख, और मन को गुदगुदाती तस्वीरें. कैसे एक रिश्ता सा बनने सा लगता है.

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  57. wow u really had a great time dancing this Holi :)
    Enjoyed your full of "dance" post !!!

    Keep Enjoying

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  58. Baat to bilkul sahi hai..

    vaise agar holi par maza aur dhaamal nahi kiya to kya kiya..bhaang aur rang k maze hi kuch aur hain..

    http://www.rootsthelife.com/

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