एक मित्र मिले, हमारा नया मैकबुक एयर देखे, प्रभावित हुये, बोले बड़ा हल्का है, पर जाते जाते संशय की एक कील ठोंक गये, कहे कि हल्का ही लेना था तो आईपैड ले लेते, हल्का भी पड़ता, सस्ता भी। बात ठीक ही थी, सहसा लगा कि कहीं गलत निर्णय तो नहीं ले लिया है। ऐसा नहीं था कि निर्णय प्रक्रिया में यह तथ्य ध्यान में नहीं था, पर किसी और के आत्मविश्वास को त्वरित झुठलाया भी नहीं जा सकता है।
पहले आईपैड के उन तीन पक्षों को समझ लें जो मैकबुक एयर पर भारी हैं। पहला, मैकबुक एयर के १००० ग्राम की तुलना में आईपैड का भार ७०० ग्राम है। ३०० ग्राम की कमी के कारण आप आईपैड को लम्बे समय तक एक हाथ से पकड़ कर उपयोग में ला सकते हैं, कोई पुस्तक पढ़ सकते हैं। लैपटॉप से पुस्तक पढ़ने के प्रयास में दोनों हाथ लगाने पड़ते हैं, पर उसमें भी लम्बे समय तक पढ़ भी सकते हैं और पढ़ने के बाद पुस्तक की तरह बन्द भी कर सकते हैं। दूसरा, आईपैड की बैटरी १० घंटे चलती है जबकि लैपटॉप की ७ घंटे, ३ घंटों का अतिरिक्त समय आपको आईपैड बिना चार्जर कहीं भी ले जाने की सुविधा देता है। तीसरा, यदि आप आईपैड का ६४ जीबी व वाई-फाई वाला मॉडल लें तब भी आईपैड लगभग ४६,००० रु का पड़ता है, मैकबुक एयर से २०,००० रु सस्ता।
हिन्दी के कीबोर्ड की अनुपस्थिति आईपैड का सर्वाधिक निर्बल पक्ष था। यह एक प्रमुख कारण था कि आईपैड के बारे में और अधिक नहीं सोच सका। यद्यपि हिन्दीराइटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से हिन्दी फॉनेटिकली टाइप की जा सकती थी पर लम्बे समय के लिये अंग्रेजी की वैशाखियों पर चलना बड़ा ही असहज और कठिन था। मैकबुक एयर में देवनागरी इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड में टाइप करने का आनन्द आईपैड में नहीं है। अब तो आईपैड में हिन्दी कीपैड आ भी गया है तो भी स्क्रीन पर लम्बे समय के लिये टाइप करना बड़ा ही असुविधाजनक है। लगभग आधा स्क्रीन कीपैड से घिर जाने के बाद एक पूरा पैराग्राफ भी नहीं दिखता है, इससे लेख और विचारों की तारतम्यता बनाये रखना कठिन होता है। आईपैड पर वाह्य कीबोर्ड का भी प्रावधान है, पर दो भागों को सम्हालने और समेटने का कष्ट देखते हुये मैकबुक एयर आईपैड की तुलना में कहीं अच्छा विकल्प है। यदि वाह्य कीबोर्ड और स्क्रीन कवर के भार व मूल्य को आईपैड में जोड़ दें तो हल्कापन घटकर १०० ग्राम व सस्तापन घटकर १०,००० रु भर रह जाता है।
आईपैड की स्क्रीन लगभग २ इंच छोटी है। वैसे तो बहुत सारे कार्यों के लिये बड़ी स्क्रीन की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है, पर कई कार्यों के लिये स्क्रीन पर अधिक सूचना की उपस्थिति बड़ी उपयोगी होती है। लैपटॉप की निकटता, आँखों पर बनने वाले ठोस कोण, एक दृष्टि में दृष्टिगत पठनीय सामग्री और विशुद्ध लेखकीय बाध्यताओं के कारण १२ इंच की स्क्रीन ही सर्वोत्तम लगी।
आईपैड में बाह्य सम्पर्कों का नितान्त अभाव है, कोई यूएसबी नहीं, बाहर की फाईलों पर बड़ा पहरा है, संगीत आदि भी केवल आईट्यून के माध्यम से। अपनी फाइलों को स्थानान्तरित करने में आपका पसीना निकल आयेगा। वहीं दूसरी ओर मैकबुक एयर एक पूर्ण लैपटॉप होने के कारण पहले दिन से ही एक सुदृढ़ सहयोगी की तरह साथ में लगा है। साथ ही साथ अधिकतम ६४ जीबी के आईपैड में अपनी सारी फाइलें रख पाना संभव नहीं लगा। मैकबुक एयर में १२८ जीबी और यूएसबी के माध्यम से ५०० जीबी का साथ होने से सारी फाइलें एक जगह पर ही रखने का आराम है। यदि प्राथमिक और एकल कम्प्यूटर के लिये चयन करना हो तो आईपैड की तुलना में मैकबुक एयर कोसों आगे है।
आईपैड या कहें कि किसी भी टैबलेट के लिये उसे सम्हालना, सहेजना, रखना और यात्राओं में सुरक्षित रखना थोड़ा कठिन कार्य है, कारण स्क्रीन का खुला हुआ होना। उसके साथ में एक पैडेड बैग रखना अतिआवश्यक है। वहीं दूसरी ओर मैकबुक एयर की एल्यूमिनियम एलॉय काया स्क्रीन को न केवल सुरक्षित रखती है वरन लाने ले जाने भी सुविधाजनक है। चार-पाँच दिन तो एक फोल्डर में रखकर मैकबुक एयर को ऑफिस ले गया था। एक सोफे या कुर्सी पर बैठकर व लैपटॉप को गोद में रखकर घंटों कार्य कर सकने की सहजता आईपैड या किसी अन्य टैबलेट में अनुपस्थित है।
कहने को तो सैमसंग का गैलेक्सी टैब आईपैड से भी १५० ग्राम हल्का है, पर बात जब कार्यगत उपयोगिता की हो मैकबुक एयर बेजोड़ है। लगता है आने वाले मित्रों और उनके संशयों के समक्ष मेरे निर्णय को सुस्थापित रख पायेगा मैकबुक एयर। तीन माह बाद भी पहली नज़र का प्यार अपनी कसक बनाये हुये है।
मेरे पास दोनों है लेकिन जब मुझे किसी छोटी यात्रा पर जाना होता है जहाँ पर सिर्फ इमेल जैसी जरूरत होती है, आई पैड रखता हूँ. लेकिन जब कोई रिपोर्ट/डोकुमेंट/प्रजेंटेशन बनानी होती है तब माइक बुक एयर रखता हूँ. दोनों एक दूसरे के स्थानापन्न नहीं है. आई पैड पढ़ने के लिए, मेल देखने, मैप देखने के लिए अच्छा है, लेकिन जब कुछ बनाना हो तब असुविधाजनक है.
ReplyDeleteठीक बात लगी, मुझे लगता है कि जिस में आप सुविधा महसूस करते हों वही साधन प्रिय होना चाहिये।
ReplyDeleteडैस्कटाप दा जवाब नईं \")
ReplyDelete-इसे कहीं ले जाने की ज़रूरत ही नहीं होती सो, कितने भी किलो का हो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता.
-GB को छोड़ो, आइए टेराबाईट की बात करें...
-स्क्रीन चाहे 72 इंच का लगाओ, कोई पूछने वाला नहीं.
-कीबोर्ड व माउस को जहां मर्जी घुमाओ फिराओ.
-इसे लेकर बिस्तर में जाने की ज़रूरत नहीं, यह अपनी औकात में रहता है :)
-इसे चार्ज करने की भी ज़रूरत नहीं होती, सीधी पेड़ से ही अमरूद तोड़ कर खाइए न
-इतने कम पैसे में इतना सारा माल, अब दुकानवाले की जान लेंगे क्या
-भाषा-वाषा को गोली मारिए, ये तो कई-कई OS चला मारता है और हर तरह की बोलियां बोल सकता है
-इसमें USB व पैरेलल पोर्टों की बहार होती है, जितना चाहो लगाओ
-ठोक बजा के भी देख लो, इसके जित्ता पक्का कुछ भी नहीं....
प्रवीण जी, अगली बार वो सज्जन दोबारा आएं तो ये टिप्पणी पढ़वाइगा उन्हें :)
आईपैड और मैकबुक दोनों की तुलना बेमानी है,लेकिन अधिकतर लोग इस बात पर धोखा खा जाते हैं कि लैपटॉप के बजाय टैब ही ले लिया जाय !
ReplyDeleteजो काम (सहजता,गति,पूर्णता) लैपटॉप दे सकता है वह आईपैड नहीं.इसी प्रकार हलके-फुल्के काम के लिए जो आनंद आई पैड में है ,वह लैपटॉप में नहीं !
ऐसे ही आईफोन का अपना अलग महत्व है.
आप मैकबुक के मजे लेते रहें ,हमें चिढाते रहें !!
@ काजल कुमार
ReplyDeleteआपकी बातों से मन हल्का हुआ क्योकि मैंने भी भारी-भरकम डेस्कटॉप दोबारा लिया हुआ है,जबकि टैब या लैपटॉप लेने के पूरे-पूरे आसार थे,सलाहें थीं !
इन सब तकनीकी जानकारी से लाभ उठा रहा हूं।
ReplyDeleteटेक्नो-जगत से परिचय हो रहा है,आपके आलेखों के माध्यम से,सादर धन्यवाद.
ReplyDeleteतुलात्मक अंतर स्पष्ट उजागर किया है |
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में
यदि आपको ठीक लगे तो माडरेशन का विकल्प हटाने की अनुकम्पा करें | अन्यथा .......
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में
टैबलेट या लैपटाप खरीदना इस बात पर निर्भर करता है की इस्तेमाल का मूल उद्देश्य क्या है। जो लोग इंटरनेट का अधिकतम उपयोग पढ़ने के लिए करते हैं उनके लिए टैबलेट एक बेहतरीन ऑप्शन है। पर जो भी लोग लिखने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए टैबलेट में कीबोर्ड का न होना बेहद असुविधाजनक है।
ReplyDeleteजो भी लोग लिखते हैं चाहे पर्सनल काम के लिए जैसे ब्लॉग इत्यादि...या फिर ऑफिस के काम के लिए जैसे वर्ड डॉकयुमेंट या फिर पावरपोईंट उनके लिए मैक ऐयर ज्यादा सही है। पावरपैक्ड परफोरमन्स है...छोटा है और कहीं भी ले जाने में सुविधाजनक है।
ऐसे बहुत से लोग हैं जो इंटरनेट अधिकतर सिर्फ कुछ पढ़ने के लिए इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए आई पैड ठीक है।
आपने आईपैड न लेकर बहुत अच्छा किया है, वरना लिखने में इतने झंझट होती तो हमें मिलती वाली अच्छी अच्छी टिप्पणियां तो गयी थीं। :) :)लेखन भी कम हो जाता। लिखना जितना सरल होगा, लिखने का उतना ही मन करेगा।
जिनहोने ऐसा कहा है, उन्होने आईपैड पर टाइप करके नहीं देखा है। अपनी अपनी जरूरतें होती हैं...वो मुख्यतः पढ़ते होंगे...आप लिखना भी उसी मात्र में कमोबेश करते हैं।
मैकएयर इज द राइट चॉइस...आहा! :D
दोनों अलग प्रोडक्ट है... जैसी जरुरत वैसा चुनाव...
ReplyDeleteकई सारी तकनीकी जानकारियां तो आपकी पोस्ट से मिली पर मेरा अनुभव कहता है कि आईपैड पर टाइप करना थोडा मुश्किल होता है ...... आईपैड पर कुछ देखना और पढना ही सुविधाजनक लगता है बस ..........
ReplyDeleteमेरा परचेजिंग पावर तो अभी दोनों ही नायाब चीज का नहीं है -कोई अप्रवासी/प्रवासी गिफ्ट दे दे तो ले लूँगा -मगर मैं मांगता भी नहीं ! गिफ्ट भी कोई मांग के ली जाती है .लोग बाग़ भी यही चाहते हैं मणि मुंह खोलूँ मगर मैं भी एक ही हूँ अपने ढंग का ---काश वे लोग आपका ब्लॉग और मेरी यह टिप्पणी पढ़ पाते ....
ReplyDeleteदूसरा गूगल ट्रान्सलिट्रेशन जिंदाबाद !
बहुत अच्छा लेख..
ReplyDeleteदोनों की महत्ता अपनी अपनी जगह सही है....
चुनने वाले को अपनी जरुरत के हिसाब से चुनना चाहिए न की किसी और के नजरिये से....
मेरा परचेजिंग पावर तो अभी दोनों ही नायाब चीज का नहीं है -कोई अप्रवासी/प्रवासी गिफ्ट दे दे तो ले लूँगा -मगर मैं मांगता भी नहीं ! गिफ्ट भी कोई मांग के ली जाती है .लोग बाग़ भी यही चाहते हैं मणि मुंह खोलूँ मगर मैं भी एक ही हूँ अपने ढंग का ---काश वे लोग आपका ब्लॉग और मेरी यह टिप्पणी पढ़ पाते ....
ReplyDeleteदूसरा गूगल ट्रान्सलिट्रेशन जिंदाबाद !
baddhiya hai aapka selection..
ReplyDeleteमैं अरविन्द मिश्रा जी की टिप्पणी पर सहमत हूँ ..
ReplyDeleteजानकारी के लिए !
आभार!
काजल भाई की बात ने तो अपनी मन की बात ही कह दी है।
ReplyDeleteदोनों के अपने-अपने फायदे हैं, जिसका जैसा मिजाज़ उसकी वैसी पसंद...
ReplyDeleteकोलकाता जैसे हादसों के ज़िम्मेदार हम हैं!
अपनी जेब अपनी-अपनी पसंद..सही बात यह है कि आप की तकनीकी अनुभव का फायदा हमें होरहा है..सार्थक आलेख...
ReplyDeletechahti hun lena ... per abhi time dena hoga
ReplyDeletevery informative and useful information.
ReplyDeleteu made the right choice :)
ReplyDeletei have understood one thing
ReplyDeletethat in this world no one can stand as an replacement for any one
whether its human or machine
for the purpose of tech discussions such post are informative
but
people still are using windows 98 on a desktop and are happy with it
बढिया जानकारी।
ReplyDeleteबतर्ज़े सर्फ फेम ललिता जी,
ReplyDeleteठीक कहते हैं प्रवीण जी, मैकबुक एयर खरीदने में ही समझदारी हैं...
जय हिंद...
इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
ReplyDeleteअंत में फ़ैसला यही होता है कि आईपैड की जगह लैपटॉप और लैपटॉप की जग डेस्कटॉप उत्तम है :)
ReplyDeleteअभी तो हम एल ई डी मानिटर से भी पूरी तरह अभ्यस्त नहीं हुए तो ई जानकारी संस्कृत लागे है :)
ReplyDeleteपहला प्यार तो पहला और बहुत खास ही होता है, उससे इधर-उधर क्या सोचना।प्यार को निभाने का मजा ही कुछ खास है।
ReplyDeleteये जानकारियाँ जरुर लाभप्रद रहेंगी.
ReplyDeleteअच्छा विष्लेषण. सच बात है दोनों का प्रयोग अलग अलग है. यह कहना भी गलत ना होगा कि टैबलेट लैपटाप का पर्याय नहीं है बल्कि एक अलग केटेगरी है.
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
ReplyDeleteजिया ललचाये..हाथ न आये।
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट के बहाने दोनों मशीनों के बारे में तुलनात्मक जानकारी मिली। वह भी सरल भाषा में।
ReplyDeleteदुल्हन वही जो पिया मन भाये......
ReplyDeleteसरल शब्दों में सहज तुलना.
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ReplyDelete.
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मुझे तो लगता है कि 'एप्पल' वालों को कम से कम आपके 'मैकबुक एयर' खरीदने में खर्च पैसे तो वापस कर ही देने चाहिये... पिछले तीन महीने में काफी गुणगान-विज्ञापन कर चुके हैं आप उनके उत्पादों का... :))
...
सटीक तुलनात्मक अध्ययन विश्लेषण किया है आपने दोनों के गुण दोषों का .
ReplyDeleteबेहतर हमेशा बेहतर ही होता है .
ReplyDeleteMujhe lagta hai aap dheere dheere is blog ko Hindi Ka Technology blog bana sakte hain....kaafi log is tarh kii cheejein padh kar apne doubts clear karna chahte hain. Thanks.
ReplyDeleteबहुत अच्छी तरह तकनीकी अंतर बताया...आपका मैक बुक वर्णन और प्रेम शायद किसी दिन उसे खरीदने के लिये मज़बूर कर देगा..
ReplyDeleteतुलनात्मक विवेचन अच्छा रहा मैने आयपै़ड तो देखा है पर मैक-एयर नही तोकुछ कह नही सकती । मेरे लिये तो मेरा सोनी का लैपटॉप बढिया है ।
ReplyDeleteआशीष की तरह ही हम भी वक्त जरुरत बदलते रहते हैं किन्तु सुविधाजनक लैपटॉप ही लगता है अभी...कभी मीटिंग्स वगैरह में बैकवर्ड न नजर आयें तो आई पैड मदद कर देता है :)
ReplyDeleteमौके की नजाकत देखते हुए दोनों ही रखे हैं लेकिन इस्तेमाल और साथ ज्यादा लैपटॉप ही देता है...कलाईंट मीटिंग वगरह में तो खैर आई पैड लेकर बैठना फैशन सिंबाल बन गया है...एक रखना हो तो शायद लैपटॉप ही रखूँ...
ReplyDeleteshukriya itni acchhi jankari k liye.
ReplyDeletekai mahino baad lautna hua hai mera blog jagat me , sabse pahle aapko hi padh rahi hoon ,bade dhyan se ek ek baat samjh rahi thi ,ye jaankaria bahut kaam ki hai .
ReplyDeleteसर्व शक्तिमान सर्वोत्कृष्ट की श्रेष्ठता का सिद्धांत यहाँ भी काम कर रहा है .
ReplyDeletevery valuable information! Thanks!
ReplyDeleteहमे तो आईपैड बहोत पसंद है !
ReplyDeleteजानकारी के लिये शुक्रिया !
http://hindiduniyablog.blogspot.com/
मेरा टारगेट अभी तो मैक एयर बुक ही है...जबतक कोई इससे ज्यादा मस्त चीज़ नहीं दिखती :)
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छी जानकारी के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteहिन्दी के विना हमारे जैसों के लिए आी पैड की कोई उपयोगिता नहीं
ReplyDeleteआपके ब्लॉग का नया प्रकार नै आकृति आपकी तरह ही सारली लिए है आकर्षक आकर्षक और आकर्षक .पसंद अपनी अपनी ख़याल अपना अपना यह अभिनव प्रोद्योगिकी नित नया परोसती रहगी .सब खेल शौक और पैसे का है .प्राथमिकता का है कोई सा टॉप हो लैप या डेस्क .
ReplyDeleteआपसे काफी जानकारी मिली | मेरेब्लोग पर स्वागत है आइयेगा |
ReplyDeleteउत्तम जानकारियां ---आभार ,
ReplyDeleteउत्तम जानकारियां ---आभार ,
ReplyDeleteसस्ता सुंदर सबसे प्यारा
ReplyDeleteसबसे अच्छा डेस्कटाप हमारा ,..बढ़िया जानकारी..
मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार ,,......
अच्छा किया आप ने बता दिया
ReplyDeletecomparison बढ़िया है :) but depends on the basic purpose you need it for :)
ReplyDeletebahut hi gyanverdhak lekh, technicalu lekh ke liye aapka aabhar
ReplyDeletedono ke hi apne apne fayde hai
Good and useful comparative study...Thanks Sir
ReplyDeleteअभिनव प्रोद्योगिकी क्या रूपाकार ले रही है इसे बा -खूबी समझा रहे हैं आप .
ReplyDeleteयाने, मेरे काम का कुछ भी नहीं है इस विवरण में। जो जितना कम जाने, जिसकी जरूरतें जितनी कम हो, वह उतना ही सुखी।
ReplyDeleteआपके इस लेख पर काफी दिन बाद टिप्पणी कर रहा हूँ। मॅकबुक ऍयर (या अल्ट्राबुक) और आइपैड (या कोई और टैबलेट) अपनी-अपनी जगह हैं। एक की जगह दूसरा नहीं ले सकता।
ReplyDeleteजैसे आपने कई चीजें गिनाई वैसे ही एक मैं कहना चाहूँगा, टैबलेट पर लेटे-लेटे वेब सर्फ कर सकते हैं अल्ट्राबुक पर नहीं।
वा भाई क्या बात है
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