बैटरी का अधिक व्यय एक प्रमुख कारण रहा मैक में विण्डो न लोड करने का, बात २५% अपव्यय की हो तो संभवतः आप भी वही निर्णय लेंगे। यह निर्णय न केवल मैक सीखने के लिये विवश कर गया वरन बैटरी की कार्यप्रणाली सम्बन्धी उत्सुकता को भी बढ़ा गया। ऐसा भी क्या कारण है कि दो भिन्न संरचनाओं में बैटरी का व्यय इतना अधिक हो जाता है?
एक मित्र ने बहुत पहले एक सलाह दी थी कि बैटरी की पूरी कार्यक्षमता के दोहन के लिये बैटरी-चक्र १००% पर रखिये। कहने का आशय यह कि पूरी चार्ज बैटरी को पूरी डिस्चार्ज होने के पहले चार्ज न करें। इससे बैटरी न केवल एक चक्र में अधिक चलती है वरन उसका जीवनकाल भी बढ़ जाता है। संभवतः इसका कारण हर बैटरी की डिजाइन में नियत चार्जिंग-चक्रों का होना हो। अभी तक यथासंभव इस सलाह को माना है और परिणाम भी आशानुरूप रहे हैं। इसी सलाह पर पिछले ३० दिनों से अपनी मैकबुक एयर को भी कसे हुये हूँ और इसी कारण ५ घंटे की घोषित क्षमता की तुलना में ७ घंटे की बैटरी की उपलब्धता बनी हुयी है।
मेरी मैकबुक एयर में ३५ वॉट-ऑवर की बैटरी लगी है, चलती है ६ घंटे, अर्थात लगभग ६ वॉट प्रतिघंटा का व्यय। पुराने लैपटॉप तोशीबा में ९० वॉट-ऑवर की बैटरी थी, चलती थी ५ घंटे, अर्थात १८ वॉट प्रतिघंटा का व्यय। डेक्सटॉप में यही व्यय ९० वॉट प्रतिघंटा व मोबाइल में १ वॉट प्रतिघंटा के आसपास रहता है। यदि ईमेल देखने व कमेन्ट मॉडरेट करने में आप अपने डेक्सटॉप के स्थान पर मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो आप न केवल अपना समय बचा रहे हैं वरन बिजली की महाबचत भी कर रहे हैं। अपने ब्लैकबेरी पर यथासंभव कार्य कर मैं अपने हिस्से को कार्बन क्रेडिट हथिया लेता हूँ। लेखन, पठन व ब्लॉग संबंधी कार्य मोबाइल पर असहज हैं अतः उसके लिये लैपटॉप ही उपयोग में लाता हूँ, डेक्सटॉप का उपयोग पिछले ५ वर्षों से नहीं किया है। जहाँ एक ओर बड़ी स्क्रीन, चमकदार स्क्रीन, वीडियो और ऑडियो कार्यक्रम, वीडियो-गेम आदि ऊर्जा-शोषक हैं वहीं दूसरी ओर लेखन, ब्लॉग, पठन आदि ऊर्जा-संरक्षक हैं। यूपीएस तो डेक्सटॉप में प्रयुक्त ऊर्जा के बराबर की ऊर्जा व्यर्थ कर देता है, बैटरी उसकी तुलना में कहीं अधिक ऊर्जा-संरक्षण करती है।
मोबाइल, लैपटॉप व डेक्सटॉप का अन्तर तो समझ में आता है पर उसी कार्यप्रारूप के लिये विण्डो लैपटॉप पर मैकबुक एयर की तुलना में बैटरी का तीन गुना व्यय क्यों? जब दो दिनों में यह दूसरा प्रश्न मुँह बाये खड़ा हो गया तो उत्सुकता शान्त करने के लिये बैटरी की ऊर्जा के प्रवाह का अध्ययन आवश्यक हो गया। विण्डो लैपटॉप पर धौकनी जैसे गर्म हवा फेकते पंखों की व्यग्रता और मैकबुक एयर की शीतल काया के भेद का रहस्य इसी अध्ययन में छिपा था।
तेज गति के प्रॉसेसर अधिक ऊर्जा चूसते हैं वहीं कम गति के प्रॉसेसर आपका धैर्य। कार्यानुसार दोनों का संतुलन कर सामान्य कार्य के लिये आई-३ से ऊपर जाने की आवश्यकता नहीं है, भविष्य के लिये भी आई-५ युक्त मेरा मैकबुक एयर पर्याप्त है। एसएसडी हार्डड्राइव में परंपरागत घूमने वाली हार्डड्राइव की तुलना में नगण्य ऊर्जा लगती है। किसी भी फाइल ढूढ़ने में परंपरागत हार्डड्राइव को जहाँ अपनी चकरी रह रहकर घुमानी पड़ती है वहीं एसएसडी हार्डड्राइव में यह कार्य डिजिटल विधि से हो जाता है, यह मैकबुक एयर की तकनीक का उनन्त पक्ष है।
आपके लैपटॉप पर नेपथ्य में सैकड़ों प्रक्रियायें स्वतः चलती रहती हैं, संभवतः इस आशा में कि आप उनका उपयोग करेंगे। आपकी जानकारी में हों न हों, आपके उपयोग में आयें न आयें, पर ये प्रक्रियायें ऊर्जा बहाती रहती हैं। यदि ओएस इन पर ध्यान नहीं दे पाता है तो व्यर्थ ही आपकी बैटरी कम हो जायेगी। मैक ओएस में ऐसी प्रक्रियाओं को तुरन्त ही शान्त कर देने का अद्भुत समावेश है। ऐसे में बची उर्जा उन प्रक्रियाओं को पुनः प्रारम्भ करने में लगी ऊर्जा से बहुत अधिक है क्योंकि एसएसडी हार्डड्राइव में प्रक्रिया प्रारम्भ करने में नगण्य ऊर्जा लगती है।
मैक में विण्डो चलाने में व्यय अतिरिक्त ऊर्जा का कारण हार्डवेयर और ओएस के बीच के संबंधों में छिपा है। ये संबंध ड्राइवरों के द्वारा स्थापित होते हैं। हार्डवेयर और ओएस के बीच सामञ्जस्य बना रहने से ड्राइवरों को कम भागदौड़ करनी पड़ती है। मैक मशीन में विण्डो ठूसने से इन ड्राइवरों का कार्य व धमाचौकड़ी कई गुना बढ़ जाती है जो अन्ततः २५% अधिक ऊर्जा व्यय का कारण भी बनती है।
कमरे में अंधकार है, स्क्रीन पर न्यूनतम चमक, बैकलिट कीबोर्ड का उपयोग, घर में शेष परिवार निद्रामय हैं, मैकबुक में शेष प्रक्रियायें भी सो रही हैं, बस जगे हैं, मैं, मेरी मैकबुक, बहते विचार, अधूरा आलेख, आपकी प्रतीक्षा और बैटरी।
बैटरी पर आपका चिंतन बाह बाह है भाई :)
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाये............
ReplyDeleteप्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ..मेरी और से भी बधाहिया सवीकार कीजिये
अच्छी पोस्ट |दीपावली के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
यही उजाला अँधेरे से बाहर निकालता है..
ReplyDeleteबढ़िया ज्ञानवर्धक जानकारी
ReplyDeleteदीपावली के पावन पर्व पर आपको मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!
way4host
RajputsParinay
पूरी चार्ज बैटरी को पूरी डिस्चार्ज होने के पहले चार्ज न करना सही है तो यह सिद्धांत उपकरण डिज़ाइन में लग जाना चाहिये। कम से कम फ्लोट चार्ज 50% डिसचार्ज पर ही प्रारम्भ हो। आधा लाभ तो मिले इस सोच का!
ReplyDeleteलाभप्रद है ये बैटरी चिन्तन .
ReplyDeleteअच्छी जानकारी ..
ReplyDeleteपर सारी बातें समझ में नहीं आयी ..
.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
ReplyDeleteसादर
क्या बात है, बहरहाल है तो बैटरी ही ना
ReplyDeleteदीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं
काफी कुछ पता लग रहा है लैपटॉप की ऊर्जा खपत के बारे में...मैं तो डेस्कटॉप प्रयोग करता हूं जो सीधे बिजली से चलता है तो ऊर्जा खपत का पता नहीं चलता...
ReplyDeleteआपको सपरिवार दीपावली की शुभकामनाएं
आपकी अभिव्यक्ति सुन्दर जानकारीपूर्ण है.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
प्रवीण जी,आपके व आपके समस्त परिवार के स्वास्थ्य, सुख समृद्धि की मंगलकामना करता हूँ.दीपावली के पावन पर्व की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
दुआ करता हूँ कि आपके सुन्दर सद लेखन से ब्लॉग जगत हमेशा हमेशा आलोकित रहे.
अच्छी जानकारी मिली ......बैट्री चार्जिंग से जुड़ी बातें सभी के लिए उपयोगी हैं...... दीपोत्सव की शुभकामनाएं
ReplyDeleteवाह, वाह... उर्जा का केन्द्र और जीवन्त न हो. लगा कि दो-तीन इंसान है, मैक, विण्डो, बैटरी जैसे नामधारी.
ReplyDeleteकमाल का चिंतन!
ReplyDeleteप्यार हर दिल में पला करता है,
स्नेह गीतों में ढ़ला करता है,
रोशनी दुनिया को देने के लिए,
दीप हर रंग में जला करता है।
प्रकाशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!!
कुछ समझने की कोशिश रहेगी !
ReplyDeleteआभार !
दीपावली मुबारक |
उत्कृष्ट आलेख
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल शुभकामनाएँ !
मेरे साथ तो सब घोर मठ्ठा हो जायेगा सीखते सीखते ....
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनायें
बढ़िया ज्ञानवर्धक जानकारी ... बहुत सुन्दर.. दीपों के इस पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी माइक यात्रा का एक नया पड़ाव!! शुभ दीपावली!
ReplyDeleteशुभ दीपावली,
ReplyDeleteआपकी हर पोस्ट में जीवनोपयोगी बातें होतीं हैं। दीपावली की हार्दिक शुभ-कामनाएं ।
ReplyDeleteachi post hai, diwali ki hardik shubkamnaye
ReplyDeleteThanks for the very useful Information. :)
ReplyDeleteHappy Deepaawali
बैटरी पर अच्छी जानकारी मिली ...
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएँ
उपयोगी पोस्ट। आम के आम गुठलियों के दाम। बढ़िया खोज...बढ़िया पोस्ट।
ReplyDeleteबहुत तर्कसंगत व ज्ञानवर्धक लेख। कहने के लिये विद्युत इंजिनियर तो मैं हूँ, और विद्युत संरक्षण कि विशेष जिम्मेदारी मेरी पर आपके नियमित विद्युतऊर्जा प्रबंधन के अनूठे तरीकों, चाहे वह आपका अपना ऑफिस चैम्बर हो, अथवा आपके लैपटॉप ( क्षमा करें मैक एयर) का उपयोग,आपने मेरी आँखें खोली हैं, व रोज कुछ न कुछ आपसे सीखने को मिलता है। आपके इतने सूचना व प्रेरणावर्धक के लिये हार्दिक आभार व बधाई।पुनः सपरिवार दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको तथा आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
पाण्डेय जी, हमे तो इसकी आबश्यकता नहीं पडी क्योकि ये उपकरण तो हमारे पास है नहीं :( दीपावली की शुभकामनाएं॥
ReplyDeleteसंतोष त्रिवेदी की ईमेल से प्राप्त टिप्पणी
ReplyDeleteआप एक अच्छा बैटरी प्रबंध कर रहे हैं ! अच्छा ज्ञान इस पोस्ट से!!
बधाई एक अच्छी जानकारी के लिये और दिपावली के लिये भी
ReplyDeletevery nice information for everyone ..... appreciable work ...thanks Mr.panday ji
ReplyDeleteA penny saved is a penny earned !
ReplyDeleteUrja Bachane ke bare mein aapne achhi jankari uplabdh karayi hai.
ReplyDeleteजानकारी से भरी महत्वपूर्ण पोस्ट .शुक्रिया सांझा करने के लिए .
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी
ReplyDeleteदिवाली, भाई दूज और नव वर्ष की शुभकामनायें
अच्छा विश्लेषण, आशा है आगे भी मॅक सम्बन्धी जानकारी मिलती रहेगी।
ReplyDeleteऊर्जा पर केन्द्रित यह पोस्ट संग्रहणीय है. संयोगवश इस आलेख पर टिपण्णी भी मैं ऊर्जानगर (कोरबा के पास) से दे रहा हूँ.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी......ज्ञानवर्धक लेख।
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
कितनी आसानी से आप तकनीकि को समझा देते हैं। बेहतरीन है....आपको दिवाली की लेट पर बाकी इस समूह के सभी पर्वो की बधाई...
ReplyDeleteदीपोत्सव की शुभकामनाएं कुछ देर से। ......बैट्री चार्जिंग से जुड़ी अच्छी जानकारी मिली । बाते सभी मोबाइल धारको के लिये उपयोगी हैं।
ReplyDeleteइस कक्षा तो बड़ा आनंद आया, नई बातें समझने का अवसर मिला.
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* आप सबको दीवाली की रामराम !*
*~* भाईदूज की बधाई और मंगलकामनाएं !*~*
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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ReplyDelete# आप में से कोई मेरी मदद कर सकें तो बहुत आभारी रहूंगा
मेरे दोनों ब्लॉग कल दोपहर बाद से गायब हैं
शस्वरं
ओळ्यूं मरुधर देश री
लिंक :-
shabdswarrang.blogspot.com
rajasthaniraj.blogspot.com
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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sir happy godhan
ReplyDeletemy blogs new links--
बालाजी के लिए --www.gorakhnathbalaji.blogspot.com
OMSAI के लिए-- www.gorakhnathomsai.blogspot.com
रामजी के लिए --- www.gorakhnathramji.blogspot.com
बहुत रोचक ढंग से उपयोगी जानकारी देने में आपका जवाब नहीं... बधाई!
ReplyDeleteबेटरी चिंतन गज़ब का इन्फोरमेतिव रहा .. मैं भी अक्सर बेटरी डिस्चार्ज करता ररहता हूँ ...
ReplyDeleteawesome read...
ReplyDeletethe batteries of mobile, laptop plays an important role in recharging batteries of human lives :P
aaj tak jo baat samajh me nahi aai thi aaj aa gayi..ab to main bhi battery poori discharge hone ke baad hi charge karungi...dhanywaad
ReplyDeleteप्रौद्योगिकी संचार का उत्कृष्ट उदाहरण !
ReplyDeleteहम भी ऐसे ही बैटरी प्रबंधन करते हैं, इसलिये बैटरी का साथ लंबे समय तक रहता है।
ReplyDeleteमैं दुनिया के सुखी लोगों में से एक हूँ। इन जानकारियों की आवश्यकता मुझे शायद ही पडे।
ReplyDeleteसबसे पहले तो क्षमा चाहूंगी ..आने में विलम्ब हुआ ..इस ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के साथ्ा दीपावली की मंगलकामनाएं ..।
ReplyDeleteउधर की बैटरी देखा तो इधर की बैटरी भी दिखी. वही समाज का तुलनात्मक नजरिया...
ReplyDeleteमेरी कमीज पड़ोसी से उजली रहे. इस उजलेपन की प्राप्ति हेतु हमने भी काफी प्रयास किए. और अब बैटरी ६ घंटे की बजाय ८ घंटे पर आ टिकी है.
कारण : बैटरी का इस्तेमाल सिर्फ लिनक्स पर करता हूँ. विंडोज का तब जब उर्जा का विकल्प मौजूद हो.
मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया
मुझे बहुत जानकारी मिली अब यूज करके देखता हूँ |
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