हम न सोचें हमें क्या मिला है हम ये सोचें किया क्या है अर्पण फूल खुशियों के बाँटें सभी को सबका जीवन ही बन जाये मधुबन अपनी करुणा का जल तू बहाकर करदे पावन हरेक मन का कोना
हम चलें नेक रास्ते पे हमेशा, भूलकर भी कोई भूल हो ना । धन्यवाद प्रवीण, आपने बहुत दिन बाद एक ऐसी सुंदर प्रार्थना याद दिला दी जो कभी मुझे कंठस्थ हुआ करती थी ।
hum chale nek raste pe hum se, bhoolakar bhee koee bhool ho naa
दूर अज्ञान के हों अंधेरे, तू हमें ज्ञान की रौशनी दे. फूल खुशियों के बांटें सभी को, जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे. बैर हो न किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना. सुन्दर प्रार्थना.
aaj vastav me prarthana ka hi din tha.kal raat se mann bechain hai jab se khabar mili ki Dr.Amar Kumar ka nidhan ho gaya hai. hame aise maukon par prarthana se hi sambal milta hai !
इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमज़ोर हो न हम चलें नेक रस्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न~~
हर तरफ़ ज़ुल्म है, बेबसी है सहमा सहमा-सा हर आदमी है पाप का बोझ बढता ही जाये जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अँत हो न हम चलें नेक रस्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न~~
दूर अज्ञान के हों अँधेरे तू हमें ज्ञान की रौशनी दे हर बुराई से बचते रहें हम जितनी भी दे भली ज़िन्दग़ी दे बैर हो न, किसी का किसी से भवना मन में बदले की हो न हम चलें नेक रस्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न~~
हम न सोचें हमें क्या मिला है हम ये सोचें किया क्या है अर्पण फूल खुशियों के बाँटें सभी को सबका जीवन ही बन जाये मधुबन अपनी करुणा का जल तू बहाकर करदे पावन हरेक मनका कोना हम चलें नेक रस्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न~~
हम अँधेरे मे हैं रौशनी दे खो न दें खुद को ही दुश्मनी से हम सज़ा पायें अपने किये की मौत भी हो तो सह लें खुशी से कल जो गुज़रा है फिर से न गुज़रे आनेवाला वो कल ऐसा हो न हम चलें नेक रस्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न~~
इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमज़ोर हो न~~~
आपका आलेख,’डेडी का पैसा------’पढा,बहुत सच्चा चिट्ठा आपने खोला है.वही रेगिंग उन दिनों अपनत्व की भावनाओं से जुडी होती थी,परंतु,अब उस परिचय के माहोल में पशविक पृवत्तियां ने जगह ले ली है.
आपका आलेख,’डेडी का पैसा------’पढा,बहुत सच्चा चिट्ठा आपने खोला है.वही रेगिंग उन दिनों अपनत्व की भावनाओं से जुडी होती थी,परंतु,अब उस परिचय के माहोल में पशविक पृवत्तियां ने जगह ले ली है.
दिल की गहराई से की गई प्रार्थना सफल होती है.
ReplyDeleteलगता है आपका रोम रोम प्रार्थनारत है.
सुन्दर प्रार्थना के लिए आभार.
बचपन से यही करते आये हैं ..खुदा पर जिसे यकीन है ....उसे दुनिया में कोई दुःख - दुःख नहीं लगता ....!.
ReplyDeleteशक्ति तो सभी अच्छे कर्म करने वालों को दे और आपको भी..
ReplyDeleteयही दुआ है..
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न।
ReplyDeletearrey waah!
ReplyDeletesubah subah school ki yaad dila di aapne :-)
what a great wa to start a day..
wish a bright and happy morning!
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न।....
ReplyDeleteअब सिर्फ भगवान पर ही भरोसा है....
प्रार्थना मन का सुकून हो जाती है ...और ईश्वर में आस्था बनी रहती है .. ।
ReplyDeleteहम न सोचें हमें क्या मिला है
ReplyDeleteहम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू बहाकर
करदे पावन हरेक मन का कोना
:) आपकी प्रार्थना ज़रूर सुनी जाये, ऐसी प्रार्थना हम करते हैं. :) God bless you.
ReplyDeleteसुंदर प्रार्थना ...जिसे गाते ही मन में अटल विश्वास जाग जाता है ...!!
ReplyDeleteaaj is prarthana kee atyant aawashyakataa thee!!
ReplyDeleteमन के जीते जीत है, विश्वास कायम रहे. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न।
ReplyDeleteहम चलें नेक रस्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न...
ReplyDeleteअद्भुत सागर आज़मी का एक शेर भेंट कर रहा हूँ कोई दरीचा खुले या तुझे हंसी आये /किसी तरफ से तो कमरे में रोशनी आये |
ReplyDeleteअद्भुत सागर आज़मी का एक शेर भेंट कर रहा हूँ कोई दरीचा खुले या तुझे हंसी आये /किसी तरफ से तो कमरे में रोशनी आये |
ReplyDeleteहम चलें नेक रास्ते पे हमेशा, भूलकर भी कोई भूल हो ना । धन्यवाद प्रवीण, आपने बहुत दिन बाद एक ऐसी सुंदर प्रार्थना याद दिला दी जो कभी मुझे कंठस्थ हुआ करती थी ।
ReplyDeletehum chale nek raste pe hum se, bhoolakar bhee koee bhool ho naa
दूर अज्ञान के हों अंधेरे,
ReplyDeleteतू हमें ज्ञान की रौशनी दे.
फूल खुशियों के बांटें सभी को,
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे.
बैर हो न किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना.
सुन्दर प्रार्थना.
ये प्रार्थना हर युग हर काल मे कालजयी है।
ReplyDeleteबस्स्स्स्स्स्स्स प्रार्थना ही तो कर सकते हैं... समय के आगे मानव कितना असहाय हो जाता है।
ReplyDeleteaaj vastav me prarthana ka hi din tha.kal raat se mann bechain hai jab se khabar mili ki Dr.Amar Kumar ka nidhan ho gaya hai.
ReplyDeletehame aise maukon par prarthana se hi sambal milta hai !
-सुंदर प्रार्थना ...यह विश्वास ही तो मन है...
ReplyDeleteइतनी शक्ति हमें देना दाता~~~
इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न~~
हर तरफ़ ज़ुल्म है, बेबसी है
सहमा सहमा-सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अँत हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न~~
दूर अज्ञान के हों अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचते रहें हम
जितनी भी दे भली ज़िन्दग़ी दे
बैर हो न, किसी का किसी से
भवना मन में बदले की हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न~~
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू बहाकर
करदे पावन हरेक मनका कोना
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न~~
हम अँधेरे मे हैं रौशनी दे
खो न दें खुद को ही दुश्मनी से
हम सज़ा पायें अपने किये की
मौत भी हो तो सह लें खुशी से
कल जो गुज़रा है फिर से न गुज़रे
आनेवाला वो कल ऐसा हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न~~
इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न~~~
Sundar praarthna...
ReplyDeleteहम सबकी प्रार्थना सफल हो.....!
ReplyDeleteहम सभी की ओर से भी यही प्रार्थना.
ReplyDeleteइतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न।
ReplyDelete...
ReplyDeleteमेरी प्रिय प्रार्थना ।
ReplyDeleteकल जो गुज़रा है फिर से न गुज़रे
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना
Very powerful lines..... Gives a sense of hope when u listen or sing.
ReplyDeleteभूल कर भी कोई भूल हो न~~
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रार्थना ......
ReplyDeleteयह एक लाईना?
ReplyDeleteसच्चे दिल से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती... प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है..
ReplyDeleteहौसले की चाहत के साथ की गई ईश वन्दना.
ReplyDeleteये हमने फ़ाउण्डेशन कोर्स में मंच से गाया था। २२ साल हो गए।
ReplyDeleteइतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न
ReplyDeleteexcellent
इसी से तो आस्था और दृढ़ होती है !
ReplyDeleteबस यही विश्वास है मन में ...
ReplyDelete:)
ReplyDeleteसर अगर हम पत्थर न बने तो बिश्वास कायम रह सकती है !
ReplyDeleteइतनी शक्ति मिले हमें यही दुआ करते हैं....
ReplyDeleteभूल कर भी कोई भूल हो न..
ReplyDeleteसही है प्रार्थना!!!
ReplyDeleteiski bahut jaroort hai sabko ,hame bhi bahut pasand hai .
ReplyDeleteiski bahut jaroort hai sabko ,hame bhi bahut pasand hai .
ReplyDeleteसुंदर प्रार्थना ...यह विश्वास ही तो मन है
ReplyDeleteप्रार्थना फलीभूत हुई। ईश्वर को धन्यवाद।
ReplyDeleteआपका आलेख,’डेडी का पैसा------’पढा,बहुत सच्चा चिट्ठा आपने खोला है.वही रेगिंग उन दिनों अपनत्व की भावनाओं से जुडी होती थी,परंतु,अब उस परिचय के माहोल में पशविक पृवत्तियां ने जगह ले ली है.
ReplyDeleteआपका आलेख,’डेडी का पैसा------’पढा,बहुत सच्चा चिट्ठा आपने खोला है.वही रेगिंग उन दिनों अपनत्व की भावनाओं से जुडी होती थी,परंतु,अब उस परिचय के माहोल में पशविक पृवत्तियां ने जगह ले ली है.
ReplyDeleteश्री गणेश उत्सव पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं...
ReplyDeleteआप सबका बहुत बहुत आभार।
ReplyDelete