यह बात तो निश्चित है कि जब तक मोबाइल में हिन्दी पूरी तरह से संस्थापित नहीं हो जाती है, तब तक हम भी गूगल में अपनी खोज धौंकते रहेंगे। हर बार थोड़ा समय मिलते ही शोध प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है, कुछ नहीं तो उस पर चल रहे संवादों और सम्बन्धित प्रकल्पों की अद्यतन स्थिति ही ज्ञात हो जाती है। पिछले दस दिनों में दो अप्रत्याशित सफलताओं ने खोज-विधियों में और भी सृजनात्मकता ला दी है। मन प्रसन्न तो है पर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं। यदि किसी ऐसे पद में होता कि मोबाइल कम्पनियों को धमका कर हिन्दी कीबोर्ड निचोड़ सकता तो धैर्य व प्रतीक्षा को अपनी सतत खोज का आधार न बनाता, पर जब सम्प्रति में भाग्य भी हिन्दी की तरह ही अपुष्ट हो तो व्यग्रता मन के भीतर सम्हाल कर रखनी पड़ेगी।
आपकी भी व्यग्रता भी न बढ़ जाये अतः इन दो सफलताओं के बारे में बता देता हूँ। पहली तो आईफोन, आईपॉड व आईपैड में हिन्दीराइटर के नाम से विकसित ट्रांसलिटरेशन आधारित कीबोर्ड की व्यवस्था और दूसरी ब्लैकबेरी पर पूर्ण हिन्दी कीबोर्ड की उपस्थिति।
एप्पल वैसे तो 37 भाषाओं में कीबोर्ड देने का दम्भ भरते हैं पर उसमें हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं का कोई स्थान नहीं है। सीडैक ने वर्तमान अँग्रेज़ी कीबोर्ड पर आधारित हिन्दी टाइपिंग तन्त्र विकसित किया है। जो लोग बरह में टाइपिंग के अभ्यस्त हैं उन्हें कोई समस्या नहीं आयेगी। अपने घर में आईपॉड पर, मित्र के आईफोन पर और एप्पल स्टोर में आईपैड2 पर टाइप करके देखा, गति तो नहीं पर संतुष्टि मिल गयी। इस कीबोर्ड से लिखा हुआ कट और पेस्ट के माध्यम से ही दूसरे प्रोग्रामों में स्थानान्तरित हो सकता है।
ब्लैकबेरी फोन मोबाइल क्षेत्र में एक सम्मानित स्थान रखता है। व्यस्त नवयुवा और अभ्यस्त व्यवसायी इसका उपयोग अपनी सारी संचार आवश्यकताओं का निराकरण एक जगह पर हो जाने के कारण करते हैं। आपके ईमेल ब्लैकबेरी सर्वर के माध्यम से एसएमएस की तरह ही आपके ब्लैकबेरी में अवतरित होते हैं। कई कम्पनियों के सारे ईमेल इस माध्यम से सुरक्षित आदान प्रदान किये जाते हैं। ब्लैकबेरी की अपनी भी एक संदेश सेवा है जो किसी भी देश में आपको अन्य ब्लैकबेरी धारकों से सम्पर्क में रखती है और वह भी निशुल्क और संभवतः यही कारण उसे व्यस्त जनों के बीच एक आवश्यक व उपयोगी उपकरण बना देता है।
जो विशेषता इसे इतना लोकप्रिय बनाती है उसी ने इसका सर्वाधिक शक्तिशाली और प्रभावी धारक खो दिया। माननीय ओबामा के राष्ट्रपति बनने के पहले तक उनके हाथ में सज्जित रहा ब्लैकबेरी फोन सुरक्षा कारणों से उन्हें उपयोग में नहीं लाने दिया गया।
व्यस्त नवयुवा, अभ्यस्त व्यवसायी और ओबामीय विवशता से समान रूप से दूर होने पर भी ब्लैकबेरी का आकर्षण सदा ही मेरे लिये बना रहा। परिचालन विभाग में आने के बाद एक ऐसे उपकरण की आवश्यकता लगने लगी जिस पर सारे त्वरित-तथ्य किसी शब्द सीमा या नेटीय सीमा के बँधे बिना ही आ जा सके। एक ब्लैकबेरी और उसकी सेवायें ले लीं।
मन में तनिक भी आशा नहीं की थी कि ब्लैकबेरी मोबाइल में हिन्दी पढ़ सकूँगा, लिखना तो बहुत दूर की बात थी। ईमेलों में आने वाले हिन्दी अक्षर डब्बाकार आते थे।
भगवान भी संभवतः धैर्य ही परखता है, ब्लैकबेरी का नया ओएस 6 आया, उसमें भारतीय भाषाओं के लिये समर्थन था। अब टिप्पणियाँ पढ़ने व उन्हें वहीं से ही प्रकाशित करने का कार्य भी होने लगा। इस पूरे समय मैं अपने साथ नोकिया का सी-3 मोबाइल लेकर चलता रहा और उसमें लेखन भी करता रहा। यह जीवनशैली पाँच दिन ही चली होगी कि ब्लैकबेरी में एक और लघु अपडेट आ गयी, अब हमें हिन्दी टंकण का अधिकार मिल गया है। कीबोर्ड इन्स्क्रिप्ट से थोड़ा अलग है पर लेखन का कार्य फिर भी बहुत अच्छे से निपटाया जा सकता है।
मन प्रसन्न है कि हिन्दी में प्रगति हो रही है, इस पोस्ट का बड़ा हिस्सा इसी मोबाइल से लिखा है। धीरे धीरे ही सही पर यह स्पष्ट हो रहा है, मोबाइल निर्माताओं को, कि बिना भारतीय भाषाओं के समर्थन के कोई भी मोबाइल सारे भारत को नहीं लुभा पायेगा। हम पुनः खोज में लगते हैं, मोहि कहाँ विश्राम?
आपने उपयोगी जानकारी दी है. ब्लैकवेरी खरीदना पड़ेगा.
ReplyDeleteचलो जी, कभी मौका मिला तो जरुर देखेंगे,
ReplyDelete:)
ReplyDeleteaabhar
अभी तो इन पर काम करना मुश्किल लगता है, लेकिन आशा है कि जल्द यूजर फ्रेंडली चीजें आ जाएंगी और खबर आप से मिल ही जाएगी.
ReplyDeleteआज ही ओएस ६ कर लेते हैं अपने ब्लैक बेरी को...बहुत आभार आपका.
ReplyDeleteमन प्रसन्न है कि हिन्दी में प्रगति हो रही है, इस पोस्ट का बड़ा हिस्सा इसी मोबाइल से लिखा है। धीरे धीरे ही सही पर यह स्पष्ट हो रहा है, मोबाइल निर्माताओं को, कि बिना भारतीय भाषाओं के समर्थन के कोई भी मोबाइल सारे भारत को नहीं लुभा पायेगा। हम पुनः खोज में लगते हैं, मोहि कहाँ विश्राम?
ReplyDeletesarthak post .abhar .
प्रवीण जी! ऐसे ही अपनी खोज धौंकते रहें और नई जानकारी देते रहें।
ReplyDeleteकीबोर्ड के मानकीकरण का काम भारत सरकार को करना चाहिए और वह भी पूरी दृढ़ता से। परंतु आपने स्वयं ही लिख दिया है कि जब हिंदी के बारे में ही अनिश्चितता है तो क्या किया जाए? फिर भी लगे रहें।
पिछले कई दिनों से पछता रहा हूँ कि मैंने ब्लैकबेरी के बजाय सोनी एरिक्सन का एस्पेन मॉडल क्यों ले लिया। ब्लैकबेरी के मोटे थुले-थुले आकार की वजह से उसे छोड़ देना अब खराब लग रहा है। आपने जो लाभ गिनाये हैं उसे जानकर तो लगता है मुझे फिर कुछ खर्च करना पड़ेगा।
ReplyDeleteनोकिया और ब्लैकबेरी पर थिरकती उँगलियों की बधाई ...
ReplyDeleteये जोकर अभी कल तक यही माने बैठे थे कि भारत एक बहुत बड़ी 'ग़रीब' (और उनसे कहीं कमअक़्ल) जनसंख्या वाला देश है :) जबकि दूसरी तरफ छटांक भर के लोगों वाले देशों में अपने हैंडसैट पगलैटों की तरह लांच करते डोल रहे थे ये पट्ठे.
ReplyDelete..और तो और आई-फ़ोन का नख़रा नहीं देखा (!) दुनिया भर में तो नया वर्ज़न लांच कर रहा था ये और भारत में एक साल की देरी से पुराना वर्ज़न बेचने की फ़िराक़ में बैठा था... अगर मैं हैदराबाद का निज़ाम होता तो आई-फ़ोन का वही हाल करता जो उसने राल्स रायस का किया था :)
अब समझ आने लगी है इन्हें लेकिन धीरे-धीरे.
अति सुन्दर!
ReplyDeleteमोबाइलों का मार्केट सेचुरेट हो रहा है तो बिक्री बढ़ाने के लिए नए नए बाजार ये ढूंढेंगे ही, और इस लिहाज से नई सुविधाएँ देंगे ही. चलिए इस हिसाब से अब चहुँओर हिंदी दिखेगी और चलेगी. :)
ReplyDeleteहिंदी कीबोर्ड और मोबाईल सेवा , बहुत कुछ सिखने औरे जानने को मिला सही कहा आपने, हिंदी काज करे बिना , तुम्हे कहा विश्राम .
ReplyDeleteअच्छी जानकारी देती पोस्ट..... दोनों ही समाचार स्वागतयोग्य हैं...... हमारे लिए भी और हमारी हिंदी के लिए भी ........
ReplyDeleteआपके धैर्य, आपकी लगन और किस्मत ने आखिर रंग दिखाया है.हिंदी की स्वीकार्यता को बड़ी कंपनियां भी मानने लगी हैं.
ReplyDeleteमैं जब फोन लेने की टोह में था तो ब्लैकबेरी भी बहुत आकर्षित करता था,पर इतने महंगे फोन में भी हिंदी पढ़ न पाना पीड़ादायक था.अब भाई लोगों ने बाज़ार की नब्ज़ पकड़कर हिंदी का दामन थामा है तो हमारे लिए खुशी की बात है.
एप्पल के आई-फोन का सबसे ज़्यादा क्रेज है,पर वहाँ भी हिंदी का अभाव खटकता था.आपकी सूचनानुसार ,जैसा कि चित्र में दिख रहा है ,हिंदी को अन्य किसी फोन के अलावा इस फोन में आसानी से लिखा जा सकता है.हमें तो यही ज़्यादा सुगम लगता है !अब हमारा अगला निशाना यही फोन होगा.
इस बीच यह खबर आई है कि सैमसंग के गैलेक्सी एस में 'जिंजर-ब्रेड' अपडेट भारत में भी शुरू हो चुका है.इसको अपडेट कराके देखते हैं !
फिलहाल ,आपकी खुशी में हम भी शरीक हैं !
बहुत अच्छी जानकारी...सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeletesimple superb...aap jankari ka khajana ho.......
ReplyDeleteवाह प्रवीण जी, यह तो बहुत ही बढ़िया जानकारी दी आपने... मेरे पास नोकिया का E-5 मोबाइल है, इसमें हिंदी पढना लिखना बहुत मुश्किल है... पढने का जुगाड़ तो ई-पंडित की साईट से पता चला गया, जो थोडा सुस्त ज़रूर है, परन्तु काम चल जाता है. परन्तु लिखने का जुगाड़ अभी तक पता नहीं चल पाया है... अगर आपको कुछ पता हो तो अवश्य ही बताइए...
ReplyDeleteप्रेम रस
हिन्दी मैया तुमतो प्रतिष्ठित होती जा रही हो, हिन्दी वालों की तो बल्ले बल्ले। बढिया जानकारी।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी जानकारी ... ।
ReplyDeleteआपके अन्वेषणात्मक मस्तिष्क और धैर्य को नमन...
ReplyDeleteजय हिंद...
ब्लैकबैरी नहीं...अपन तो नोकिया सी3 खरीदने निकल रहे हैं...हिंदी चिट्ठाकारी जो काफी समय से रुकी सी पड़ी थी उसे शायद इससे कुछ गति मिले
ReplyDeleteInteresting!
ReplyDeleteव्यग्रता बढ़ाये रखे तभी हिंदी की तकनीकी जानकारी मिलती रहेगी
ReplyDeleteहिन्दी उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए आईफोन, आईपॉड, आईपैड एवं ब्लैकबेरी का प्रशंसनीय प्रयास|
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी के लिए आभार।
ReplyDeleteआपके हिंदी प्रेम ने दिल जीत लिया!
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बढिया जानकारी
ReplyDeleteआज ही Appple I Store गया था।
Ipad2 खरीदने का विचार है।
सभी Ipad बिक चुकी हैं।
अभी Fresh Stock आने में दो हफ़्ते लगेंगे।
Istore पर मित्रों के हिन्दी ब्लॉग पढ रहा था।
पर यह भी सोच रहा था कि हिन्दी में टिप्पणी कैसे करूँगा।
अब कोई समस्या नहीं होगी
क्या यह हिन्दी राइटर App, मुफ़्त में download कर सकते हैं?
यदी नहीं तो कितना खर्ज करना पडेगा?
शुभकममनाएं
जी विश्वनाथ
एप्पल मैक ओएस के फीचर धीरे धीरे आई ओएस में दल रहा है, आई पैड और आई फ़ोन में भारतीय भाषाओ के की बोर्ड जल्दी ही आयेंगे !
ReplyDeleteआई पैड से टिप्पणी !
जिन खोजा तिन पाईया गहरे पानी पेंठ...बहुत सुंदर जानकारी, लेकिन मोबाईल पर लिखने मे तो बहुत समय लगता हे...
ReplyDeleteअच्छी जानकारी !
ReplyDeleteएंड्रोएड में हिन्दी कब आएगा? कोई खबर लगे तो बताइयेगा.. मेरा फोन उसके बिना डब्बा ही रहेगा जो डब्बा दिखता है :)
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आकर टेक्निकली अशिक्षित महसूस करने लगता हूँ :)
ReplyDeleteब्लैकबेरी का ओस ६ तो है मेरे पास लेकिन चौकोर डब्बे ही दिखते हैं. कहीं कुछ एनेबल करना पड़े शायद.
व्यग्रता बढ़ाये रखे तभी हिंदी की तकनीकी जानकारी मिलती रहेगी| बहुत आभार आपका|
ReplyDeleteअरे वाह क्या जानकारी दी है ..कुछ दिनों से नया मोबाइल लेने का सोच रही थी पर समस्या वही हिंदी की थी.आपने तो समस्या ही हल कर दी.
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया.
thanks for nice infirmation sir.
ReplyDeleteबहुत महंगा होगा ? मौका लगा तो मैं भी खरीदूंगी। आभार इस जानकारी के लिए।
ReplyDeleteपुराने ब्लैकवेरी में कुछ जुगाड़ कर सकता हूँ क्या??जरा बताएं
ReplyDeleteहम तो अभी तक मोबाइल नेट के चक्कर में पड़े ही नहीं है जब मोबाइल पर हिंदी इस्तेमाल करनी होगी आपका शोध बहुत काम आएगा
ReplyDeleteहम तो नये पैडफोन के लिये प्रतीक्षा करेंगे...
ReplyDeleteजानकारीपूर्ण!!
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी :)
ReplyDeleteहिंदी अपना स्थान बना रही है क्योंकि हिंदी का अपना बाज़ार है... अपनी शक्ति है... जो कह रहे हैं कि हिंदी मर रही है.. जो विलाप में हैं उन्हें ये पोस्ट पढनी चाहिए...
ReplyDeleteबड़ी प्रसन्नता की बात है कि ब्लैकबेरी में अन्ततः हिन्दी कीबोर्ड आ गया है। वैसे यह सिर्फ टचस्क्रीन फोनों के लिये होगा, क्वर्टी कीबोर्ड वाले फोनों हेतु अभी और इऩ्तजार बाकी है।
ReplyDeleteआइफोन हेतु "हिन्दी ईमेल कीबोर्ड" नामक एक ऍप्लिकेशन है जो लगभग इन्स्क्रिप्ट लेआउट पर है। इससे आप सीधे हिन्दी में ईमेल भेज ही सकते हैं, साथ ही टैक्स्ट कॉपी कर फोन में अन्यत्र भी प्रयोग कर सकते हैं।
http://itunes.apple.com/us/app/hindi-email-keyboard-color/id307561652?mt=8
बहुत अच्छी जानकारी ...आभार
ReplyDeleteप्रवीण भाई हमें भी उस दिन की प्रतीक्षा है जब मोबाइल से ही आसानी से हिन्दी मेन टाइप वायप कर लिया करेंगे - बिना झंझट
ReplyDeleteलाजवाब......बहुत सुन्दर प्रयास...
ReplyDeleteअच्छी और उपयोगी जानकारी ...
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है.. सुंदर
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी दी है
ReplyDeleteउठठेगी इनकी नज़र धीरे-धीरे..
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी...
ReplyDeleteजिन खोजा तिन पाइयां ,गहरे पानी पैठ.आप पर खूब चरितार्थ होता है.
ReplyDeletehttp://shayaridays.blogspot.com
ReplyDeleteब्लैकबेरी में टाइप कैसे करते हैं...क्या कीबोर्ड से?
ReplyDeleteहिंदी फॉण्ट या फिर हिंदी फोन पर पढ़ने के लिए मैं भी काफी कुछ गूगल करती रहती हूँ.
आपका लेख पढ़ कर अच्छा लगा...बहुत मेहनत से इतना कुछ इकठ्ठा किया है आपने.
अभी तो हमें मोबाइल की ही पूरी जानकारी नहीं तो अन्य बातें तो भैंस के आगे बीन है :(
ReplyDeleteबहुत उपयोगी आलेख प्रस्तुत किया है आपने!
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी !
ReplyDeleteआप बहुते प्रवीण हैं ....जय जय !
मुझे अपने फोन सैमसंग गैलेक्सी एस का जिंजर-ब्रेड खाना बड़ा महंगा पड़ गया.पिछले अपडेट में सैमसंग ने अपनी ओर से हिंदी-समर्थन किया था,अब वो गायब हो गया,फिर से गड्ढे दिखने लगे हैं.जहाँ रोज तकनीक बदल और विकसित हो रही है,ऐसे में कंपनी अपना कितना भला कर पायेगी,क्या बताएँ पर मेरा तो बंटाधार कर दिया !
ReplyDeleteI think everyone need to read this.
ReplyDeleteThanks for sharing.
Very nice and usefull information.
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