पिछले चार महीनों में जितनी भी बार सामान खरीदने मॉल जाता था, प्रदत्त सूची निपटाने के बाद आधे घंटे के लिये सरक लेता था, एक मोबाइल की दुकान में, यूनीवर सेल के शो रूम में। यहाँ पर यह सुविधा है कि आप किसी भी मॉडल को विधिवत चलाकर देख सकते हैं। यहीं आकर ही मेरी मोबाइल सम्बन्धी अभिरुचि को एक प्रायोगिक आधार मिलता रहा है। हर नये मोबाइल की विशेषताओं को भलीभाँति समझने का अवसर यहाँ मिल जाता है। प्रायोगिक ज्ञान सदा ही इण्टरनेटीय सूचनाओं से अधिक पैना होता है।
यहीं पर ही मुझे एक मोबाइल दिखा, नोकिया का C3 मॉडल। आकर्षण था हिन्दी का कीबोर्ड और वह भी भौतिक। अंग्रेजी के अक्षरों के साथ ही हिन्दी के अक्षर उसमें व्यवस्थित थे, लगभग इन्सक्रिप्ट ले आउट में। हाथ में लेकर जब उसमें लिखना प्रारम्भ किया तो और भी रुचिकर लगा। अभी तक मेरे पास जो दो मोबाइल थे, उनमें स्क्रीन वाला ही कीबोर्ड था अतः यह अनुभव सर्वथा नया था। लैपटॉप में इन्सक्रिप्ट में टाइप करते करते अक्षरों का स्थान समझने में कठिनाई नहीं हुयी। मन अटक गया उसमें।
मेरे सामने अपने दोनों मोबाइलों के साथ इसकी तुलना करने का मार्ग नहीं सूझ रहा था। मेरे पीछे कई और ग्राहक प्रतीक्षा कर रहे थे, उस मोबाइल पर अपने अपने हाथ चलाने के लिये। मेरी दुविधा को भाँप कर सेल्समानव बोले कि सर सप्ताहान्त में भीड़ रहती है, कार्यदिवस में आपको समुचित समय मिलेगा। अब कार्यालय से आने के बाद और बैडमिन्टन खेलने के पहले एक घंटे का समय मिलता है परिवार के साथ बैठने का, उसे इस कार्य के लिये दे देना संभव नहीं था मेरे लिये। सेल्समानव ने तब सलाह दी कि सप्ताहन्त में सुबह ही आ जाये तो लगभग 2 घंटे का समय मिल जायेगा, भीड़ बढ़ने के पहले।
मिलन का दिन नियत हुआ, सामान की सूची को प्रतीक्षा में रखा गया, हाथ में तीन मोबाइल और मैं शो रूम में अकेला। डोपोड डी600, एलजी जीएस290 और नोकिया C3 के बीच मुझे उनकी हिन्दी सम्बन्धित विशेषताओं का निर्णय लेना था।
सर्वप्रथम टाइपिंग की गति पर तुलना की। नोकिया मे टाइपिंग की गति बहुत अधिक थी और कारण था भौतिक कीबोर्ड, यद्यपि पहले थोड़ा अटपटा लगा पर 5 मिनट में ही टाइपिंग ने गति पकड़ ली। एलजी में बड़ा स्क्रीन कीबोर्ड होने से गति तो ठीक आयी पर त्रुटियों की संभावना बनी रही, कीबोर्ड की चौड़ाई अधिक होने से अंगूठों को प्रयास अधिक करना पड़ा। एलजी में गति नोकिया की तुलना में लगभग 60% ही रही। विण्डो मोबाइल में स्टाइलस के कारण टाइपिंग बहुत धीरे हुयी क्योंकि बहुत ध्यान से टाइप करना पड़ा। केवल एक बिन्दु से टाइप करने के कारण संयुक्ताक्षरों में अधिक कठिनाई हुयी। नोकिया की तुलना में गति 40% ही रही।
विण्डो मोबाइल में कीबोर्ड का आकार सबसे छोटा था, लिखने का स्थान कहीं अधिक था। एलजी में कीबोर्ड बहुत बड़ा था, लिखने का स्थान छोटा था। नोकिया में कीबोर्ड स्क्रीन पर न होने के कारण कोई अन्तर नहीं पड़ा। कीबोर्ड, स्क्रीन और फोन्ट का आकार सबसे अच्छा नोकिया में मिला।
चलती हुयी गाड़ी में व बाहर के प्रकाश में नोकिया से ही टाइपिंग की जा सकती थी, अन्य दो से यह करना संभव ही नहीं था।
एलजी में 1000 अक्षरों की, नोकिया में 3000 अक्षरों की व विण्डो मोबाइल में कोई भी सीमा नहीं थी।
बैटरी जीवन नोकिया का सर्वोत्तम मिला, लगभग तीन दिन तक। विण्डो मोबाइल को एक दिन के बाद ही चार्ज करना पड़ा।
नोकिया में वाई फाई की सुविधा थी, अन्य दोनों में जीपीआरएस के माध्यम से ही इण्टरनेट देखा जा सकता था।
लैपटॉप से समन्वय में विण्डो मोबाइल सबसे अच्छा था पर नोकिया को ओवी सूट के माध्यम से जोड़कर समन्वय करना सम्भव पाया। एलजी में समन्वय सम्बन्धी कई समस्यायें आयीं।
ऑफिस डॉकूमेन्ट्स विण्डो मोबाइल में पढ़े और सम्पादित किये जा सकते थे। नोकिया व एलजी में यह सुविधा नहीं थी।
मेसैज भेजने, फोन करने आदि आवश्यक मोबाइल कार्यों के लिये नोकिया सबसे अच्छा पाया। शेष दोनों में इन्हीं कार्यों के लिये बहुत अधिक प्रयास करना पड़ा।
इस समय विण्डो मोबाइल रु 10000 का, एलजी रु 6000 का व नोकिया रु 5700 का है।
तुलनात्मक अध्ययन के पश्चात नोकिया C3 ने बहुत प्रभावित किया और अन्ततः एक और हिन्दी कीबोर्ड वाला मोबाइल मैंने खरीद लिया।
पिछले 20 दिनों से नोकिया उपयोग में ला रहा हूँ और पिछली दो पोस्टें उस पर ही लिखी हैं, वह भी घर से बाहर, लैपटॉप से दूर। अब लगता है कि भौतिक कीबोर्ड में रम गये हैं और स्क्रीन कीबोर्ड में पुनः टाइप करने में उतनी गति न आ पाये। विण्डो फोन के प्रति प्रेम व निष्ठा अभी भी उतनी ही है जितनी कि सम्प्रति हिन्दी के प्रति है। अब प्रतीक्षा और बढ़ गयी है नोकिया और विण्डो फोन के उस मोबाइल की जिसमें नोकिया C3 की तरह ही इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड हो, बड़ा हो तो और भी अच्छा।
मेरी यही सलाह है कि इस समय नोकिया C3 ही सर्वोत्तम हिन्दी मोबाइल है, हम ब्लॉगरों के लिये।
नोकिया लाजवाब है जी।
ReplyDeleteआज बड़ी जानकारीपूर्ण पोस्ट रही...हालांकि यहाँ हमारे काम नहीं आयेगी फिलहाल..जब तक भारत से न खरीद लायें. :)
ReplyDeleteशब्द ’सेल्समानव’ नोट कर लिया, सर जी.
ReplyDeleteआपका डिजिटल ज्ञान व डीजीटाइजेसन से लगाव बेहतरीन है साथ में हिंदी को विस्तारित करने की भावना भी वंदनीय व अनुकरणीय है.....आप जैसे लोगों के पोस्ट को पढ़कर मुझ जैसे लोगों को बिना प्रयोग किये ही कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है डिजिटल वर्ल्ड के नए अविष्कारों के बारे में......धन्यवाद और आभार अपने उपयोगी अनुभव को समूचे ब्लॉग जगत से बाँटने के लिए....
ReplyDeleteविस्तृत जानकारी पा कर धन्य हुए |
ReplyDeleteमेरे लिये तो एक बेहद ही उपयोगी पोस्ट लिख दी है आपने, अभी कुछ समय से सोच ही रहा था कि ब्लॉगिंग के हिसाब से किस फोन को उचित समझूं तब तक आपने सीधे ही डेमो दे दिया।
ReplyDeleteधन्यवाद इस जानकारी के लिये।
वाह ! बेहतरीन तुलनात्मक जानकारी |
ReplyDeleteकाफी समय लगाकर आपने ये जानकारियां जुटायीं हैं.... वे भी प्रयोग करने के बाद ...
ReplyDeleteउपयोगी अनुभव को समेटे यह पोस्ट बहुत जानकारी देने वाली है.... धन्यवाद ....
बड़े काम की जानकारी है , सेल्स मानव पसंद आया :-)
ReplyDeleteशुभकामनायें !
बधाई हो!
ReplyDeleteSalesman को सेल्समानव कहकर आपने उसके पद और गरिमा का उन्नयन कर दिया:)
बहुत उपयोगी पोस्ट.... सेल्स मानव का सहयोग सराहनीय है... :)
ReplyDeleteव्हाट एन आइडिया सर जी...
ReplyDeleteजय हिंद...
बहुत अच्छे और तुलनात्मक ढंग से आपने विभिन्न मॉडल पर प्रकाश डाला। चयन करते वक़्त आवश्यकता के हिसाब से सुविधा होगी।
ReplyDeleteबड़ी सुंदर जानकारी दी आपने. क्वेर्टी कीबोर्ड टाइपिंग के लिहाज से सर्वोपरि हैं यदि ज्यादा लिखना हो. टच स्क्रीन या रेगुलर कीबोर्ड बहुत मुश्किल पड़ते है.
ReplyDeleteजय हो .प्रभु..मैं सोच रहा हूं कि जरूर वो सेल्समैन आपको उसी भावना से तक रहा होगा जैसे अभी कुछ समय पहले मैं बीबीसी को रेडियो पर सुनता था और एक शॉर्ट वेव वाला रेडियो खरीदने गया था पट्ठे को यही समझ में नहीं आ रहा था कि ये एफ़एम की भीड में ये शॉर्ट वेव का खरीददार कौन पैदा हो गया अचानक से ..। बहुत काम की जानकारी दी आपने अब बेहिचक दन्न से ले सकते हैं
ReplyDeleteतुलनात्मक अध्ययन के पश्चात नोकिया C3 ने बहुत प्रभावित किया और अन्ततः एक और हिन्दी कीबोर्ड वाला मोबाइल मैंने खरीद लिया।
ReplyDeleteयह विश्लेषण करना आवश्यक है ...आपका अनुभव एक नयी राह बनाएगा ..आपका आभार इस जानकारी के लिए
यह भी खरीदेगे आपकी सरहाना पर . अभी ई ७२ खरीदा था . हिन्दी से उसे बैर है लेकिन और काम सही कर लेता है . कोई दाता का सखी मिलते ही उससे उपहार मे प्राप्त करने का प्रयत्न करते है
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी और विश्लेषण. हमें तो रेमिग्टन नागरी की-बोर्ड वाले लैप-टाप, पाम-टाप का इंतजार है.
ReplyDeleteअति सुन्दर जानकारी देने के लिए बहुत बहुत आभार.कभी न कभी काम आएगी ही
ReplyDeleteवाकई, यह तो अच्छा मोबाईल है.
ReplyDeleteभैया हम तो हाईटेक नहीं है तो सीधा-सादा सी 2 ही खरीद लिया लेकिन पता नहीं क्यों मजा नहीं आ रहा है। नोकिया की रिंगटोन इतनी कम है कि कानों को रस नहीं आ रहा।
ReplyDeleteज्ञानपरक पोस्ट।
ReplyDeleteअपने तो 5700\- की और बचत हो गई:))
मैंने सैमसंग का एंड्रॉड २.२.१ ऑपरेटिंग सिस्टम पर मोबाइल लिया क्योंकि एंड्रॉड ओपेन सोर्स है। यह बेहतरीन फोन है। इसमें हिन्दी के चिट्ठे पढ़े जा सकते हैं पर हिन्दी में टाइप नहीं हो सकता है।
ReplyDeleteबाहर एंड्रॉड के अगले संस्करण पर मोबाइल आ गये हैं जिसमें हिन्दी में टाइप हो सकेगा। यह बहुत शीघ्र भारत आ जायगा। मेरे विचार में मुक्त सॉफ्टवेयर का साथ देना भी एक महत्वपूर्ण बात है।
हम भी बजट प्लान करते हैं -आभार जानकारी हेतु !
ReplyDeleteअति सुन्दर जानकारी देने के लिए बहुत बहुत आभार|
ReplyDeleteder ho gayee..........:(
ReplyDeletepichhle mahine naya mobile liya..!
आप तो सरकारी अफसर हैं जी और हम लाला जी के नौकर
ReplyDeleteकैसे बदल पायेंगें इतनी जल्दी-जल्दी फोन :)
प्रणाम
पुश ईमेल और मैसेजिंग में थ्रेडिड व्यू और सोशल साईटस विजेट जैसे कुछ बेहतरीन ऑप्शन एलजी290 में हैं। क्या नोकिया c3 भी ये सब दे रहा है।
ReplyDeleteप्रणाम
गहन मंथन के बाद इस सुविचारित निष्कर्ष के लिए आभार ..
ReplyDeleteएलजी290 का कैलकुलेटर बहुत अच्छा लगा और डिक्शनरी विजेट, बिना एन्टिना के एफ एम रेडियो
ReplyDeleteबढ़िया रीव्यू.
ReplyDeleteपर मैं मोबाइल तो बेसिक ही प्रयोग करता हूँ, अलबत्ता मोबाइल कंप्यूटिंग के लिए नोशन इंक के आदम पैड पर नजर है.
बहुत ही अच्छी जानकारी युक्त बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआता हूँ मिलने आपसे आपके घर, एक मेरे लिए खरीद के रखियेगा....
ReplyDeleteअरे छोटे भाई को गिफ्ट भी नहीं कर सकते एक मोबाइल आप :P
वैसे इस मोबाइल को खरीदने का मेरा भी मन है, लेकिन फ़िलहाल तो अफोर्ड नहीं कर सकते...आप कुछ कर सकते हैं तो बताइयेगा :D हा हा
नोकिया हमेशा सबसे अच्छा है. मैं एक बहुत लंबे समय के लिए नोकिया के एक प्रशंसक रहा हूँ. यहां तक कि अपने मौजूदा सेल फोन E71 है. केवल समस्या यह है कि नोकिया के लिए सिम्बियन बंद की घोषणा की है. कुछ समय के बाद इतना सब नोकिया फोन Winodws में चले जाएँगे. मुझे नहीं पता कि अगर हम विंडोज में बैटरी जीवन की तरह अच्छी सुविधाएँ है जारी रहेगा.
ReplyDeleteसर्वप्रथम नोकिया के नए फोन के अच्छे अनुभव की बधाई !
ReplyDeleteऐसे ही कई सेल्समैन मेरी नए मोबाइलों के प्रति छापेमारी से इतने परिचित हो गए हैं कि मुझे मोबाइलमानव समझने लगे हैं !
फ़िलहाल आप मोबाइल की,हिंदी की,ब्लॉगर्स की सेवा करते रहें,शुभकामनायें !
आपको नोकिया कुछ ज़्यादा प्रिय लगता है ... और हो भी क्यों ना .... अच्छा मोबाइल है ...
ReplyDeletenokia ka prachaar ...
ReplyDeletethanks for the information....
ReplyDeleteजानकारी भरी पोस्ट के लिये बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteमेरा नोकिया x2 बडा ही सन्तोषप्रद रिजल्ट हिन्दी की बोर्ड के साथ ही इन्टरनेट के प्रयोग में भी पिछले लगभग 4 माह से दे रहा है । यदि आपकी तुलना में उसे भी स्थान मिल पाता तो कुछ पाठकों को और भी सुविधा होती । अब नोकिया C3 भी देखेंगे ।
ReplyDeleteहिंगलिश में "सेल्समानव" और हिंदी में "बिक्रीमानव". एक बात और आधे अक्षरों का कैसे संयोजन होता है इसमें ?
ReplyDeleteSo you turned into a reviewer. :)
ReplyDeleteBut nevertheless nice review.
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shilpa
I'm planning to have one . Useful post for me.
ReplyDeleteअब मोबाइल खरीदने के लिए ज्यादा रिसर्च नहीं करनी पड़ेगी !
ReplyDeleteजाट देवता (संदीप पवाँर) की राम राम,
ReplyDeleteमेरे भी काम आयेगी ये जानकारी,
मजेदार यात्रा देखनी है, तो आ जाओ हमारे ब्लाग पर । अपनी कीमती राय जरुर दे।
नोकिया की जानकारी के लिए आभार... पर बेकार माल में घूमने का अंजाम भी देख लिया-- बेकार का खर्चा :)
ReplyDeleteबहुत उपयोगी पोस्ट...बड़ी सुंदर जानकारी दी आपने
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (31-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
नोकिया C3 ने बहुत प्रभावित किया ....आभार इस जानकारी के लिए
ReplyDeleteएक बात है आप मोबाइल पर खर्च बहुत करते हैं :)
ReplyDeleteमैं तो थोड़ा और रुककर खरीदूंगा...
ReplyDeleteउत्तम जानकारी ! मैं तो अभी भी यह माइंड नहीं बना पाया कि मोबाइल से भी ब्लॉग्गिंग करू !
ReplyDeleteआपका यह आलेख, 'बज' पर कल ही पढ लिया था। नोकिया सी-3 खरीदने हेतु प्रेरित करता है। मुझे जब भी अपना मोबाइल बदलना होगा, आपकी यह पोस्ट काम आएगी।
ReplyDeletepraveen ji
ReplyDeleteis mobail ke baare me abhi tak jaankari nahi thi .
vaise main bhi yahi chah rahi thi ki koi aisa mobail jo jisase hidi me type karneki suvidha ho .aapne yah jankari de kar bahut hi achha kiya .koshish karungi ki jald se jald use khareed sakun.
kyon ki swasthy ki aniymitata ke karan net par jyada der nahi baith sakti hun.isase to lete-lete bhi araam se apna kary jaari rakh sakti hun.
iske liye aapko bahut bahut dhanya vad
poonam
अच्छी जानकारी ...
ReplyDeleteआप तो वैसे भी प्रवीण हैं
ReplyDeleteनाम से ही नहीं, काम में भी
बस यह और बतला दीजिए
कि क्या इसमें मतलब नोकिया सी 3 में
बोलकर रास्ता बतलाने वाली
कन्या भी रहती है
भीतर उसके।
उससे मिलकर पूछकर अवश्य बतलाना।
ReplyDelete:((( आपका लेख देर से आया और मैं मूबाइल खरीद चुकी...उसमे हिंदी नहीं है... और मैं हिंदी चाहती थी ..
ReplyDeletenokia ki tarif to bahut suni hai aaj padh bhi liya .
ReplyDeletebhai prveen ji aap ne mere blog pr aa kr meri rchaon ko sneh diya aap ka hardik aabhar vykt krta hoon kripya swikaren
ReplyDeletedr.vedvyathit@gmail.com
मोबाइल खरीदने की खुजली होने पर आपके इस तुलनात्मक अध्यययन का अवश्य लाभ लिया जायेगा। इस परिश्रम के लिये, धन्यवाद।
ReplyDeleteवैसे हमारे एक मित्र के पास यही फोन है,जिस पर मैंने पहले ज्यादा गौर नहीं किया था,पोस्ट पढ़ने के बाद देखा,पर हिंदी-टायपिंग मेरे लिए बड़ा सिरदर्द है ,मुझे रोमन अक्षरों को दबाकर हिंदी बनाना हि सुगम लगता है !
ReplyDeleteज़्यादा फीचर और लुक के मामले में सैमसंग बढ़त बनाए हुए है,तिस पर अंद्रोइड-देव कि कृपा तो सोने पे सुहागा है.फ़िलहाल मेरे गैलेक्सी-एस का विकल्प नहीं है,इसमें २.२.३ भी जल्द आने वाला है,और १.६ GB processor के साथ !
इससे यह तो तय हो गया कि आप स्वयं एक अच्छे सेल्समानव हैं।
ReplyDelete@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन
ReplyDeleteइस तरह का हिन्दी कीबोर्ड लाने वाला तो पहला ही है नोकिया, शेष सबके लिये प्रतीक्षा में है हिन्दी।
@ Udan Tashtari
भारत में सेल्समानव हिन्दी का मर्म समझते हैं अतः सब समझाते रहते हैं।
@ honesty project democracy
हिन्दी के बारे में कुछ भी सार्थक दिखता है तो बाटने की इच्छा हो जाती है।
@ नरेश सिह राठौड़
बहुत धन्यवाद आपका।
@ सतीश पंचम
इस तरह के कीबोर्डों में गति बहुत तेज हो जाती है, वह भी हिन्दी टाइपिंग की।
@ Ratan Singh Shekhawat
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा
पहले के दो फोन मेरे पास पहले से ही थे, तीसरे फोन का तुलनात्मक अध्ययन करना आवश्यक था।
@ सतीश सक्सेना
बहुत धन्यवाद आपका।
@ निशांत मिश्र - Nishant Mishra
हर बार जाने से मुझे संभावित ग्राहक ही समझते हैं सेल्समानव, यह उन्ही का योगदान है कि मैं इतने समय के लिये कोई मॉडल देख पाया।
@ पद्म सिंह
निश्चय ही कम्पनियों को यह समझना होगा।
@ खुशदीप सहगल
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ मनोज कुमार
अभी हिन्दी लेखन में पूरे कीबोर्ड यही हैं, शेष तो आधे हैं।
@ रचना दीक्षित
अधिक लिखने के लिये भौतिक कोबोर्ड ही सर्वश्रेष्ठ हैं।
@ अजय कुमार झा
कई लोग सेल्समानव को पहले ही टोक चुके थे कि हिन्दी अक्षरों के कारण कीबोर्ड बहुत अधिक भरा हुआ लग रहा था, मैं पहला व्यक्ति था जिसने हिन्दी वाले कीबोर्ड के लिये ही उसे खरीदा।
@ : केवल राम :
मेरी दृष्टि में अब तक का सर्वश्रेष्ठ हिन्दी मोबाइल है यह।
@ dhiru singh {धीरू सिंह}
ReplyDeleteनोकिया के अन्य अच्छे मॉडल देखे पर किसी में भी हिन्दी की सुविधा नहीं थी।
@ राहुल सिंह
पता नहीं कब तक आयेंगे। हिन्दी के प्रति उदासीनता है, इन सब कम्पनियों के मन में।
@ Rakesh Kumar
हिन्दी में टाइप करने के लिये तो यह सर्वश्रेष्ठ है।
@ Akshita (Pakhi)
आप ब्लॉगर हैं, मोबाइल खरीदते समय इसे ध्यान में रखियेगा।
@ ajit gupta
एक कदम और आगे बढ़ाकर सी 3 खरीद लेना था।
@ संजय @ मो सम कौन ?
ReplyDeleteऔर अच्छे फोन तो 10000 के ऊपर ही आ रहे हैं।
@ उन्मुक्त
हिन्दी कीबोर्ड का मोबाइल यद्यपि गूगल ने अपनी योजना में डाला है पर अभी तक आया नहीं है।
@ Arvind Mishra
बजट प्लान करने का समय भी आ गया है।
@ Patali-The-Village
बहुत धन्यवाद आपका।
@ Mukesh Kumar Sinha
कोई बात नहीं, अगले मोबाइल के पहले हिन्दी चिन्तन किया जायेगा पुनः।
@ अन्तर सोहिल
ReplyDeleteपिछले 4 सालों में दूसरा मोबाइल लिया है, पहले एलजी और अब नोकिया। यह करने से बहुत ही मँहगे फोन खरीदने से बच गये हम। नोकिया में सारी विशेषतायें हैं पर एलजी जैसे बिना एन्टिना का एफ एम नहीं है। वैसे एलजी का फोन भी हिन्दी की दृष्टि से बड़ा सशक्त है।
@ ashish
बहुत धन्यवाद आपका।
@ Raviratlami
आदम पैड देख लिया है, प्रभावित हूँ।
@ सदा
बहुत धन्यवाद आपका।
@ abhi
आइये, एक अच्छा सा मोबाइल खरीदकर रखते हैं।
@ Nitin
ReplyDeleteविण्डो फोन में जाने के बाद भी नोकिया को अपने मजबूत पक्ष बनाये रखने होंगे।
@ संतोष त्रिवेदी
सेल्समानव देखने और खरीदने वालों का अन्तर शीघ्र ही समझने लगते हैं।
@ दिगम्बर नासवा
पिछले 4 साल से विण्डो मोबाइल उपयोग में ला रहा हूँ पर नोकिया में सुविधायें मूलभूत हैं।
@ रश्मि प्रभा...
बहुत धन्यवाद आपका।
@ Apanatva
बहुत धन्यवाद आपका।
@ Dr (Miss) Sharad Singh
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ सुशील बाकलीवाल
X2 का कीबोर्ड पूरा नहीं है औऱ एक अक्षर टाइप करने के लिये कई बार कुंजी दबानी पड़ती है।
@ गिरधारी खंकरियाल
हलन्त दिया गया है, उसी से आधे अक्षर संयोजित हो जाते हैं।
@ Shilpa
हिन्दी की सेवा में यह कार्य भी कर लेंगे।
@ ZEAL
यह ले सकती हैं, उपयोगी रहेगा।
@ ज्ञानचंद मर्मज्ञ
ReplyDeleteहिन्दी में अधिक विकल्प भी नहीं हैं।
@ जाट देवता (संदीप पवांर)
निश्चय ही हिन्दी के तीन सबसे अच्छे मोबाइल हैं ये।
@ cmpershad
यह बात तो है, बार बार जाने से कुछ न कुछ रोचक दिख ही जाता है।
@ संजय भास्कर
बहुत धन्यवाद आपका।
@ वन्दना
बहुत धन्यवाद आपका, इस सम्मान के लिये।
@ संजय भास्कर
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ Abhishek Ojha
अभी तक तो बहुत नहीं खर्च किया है।
@ भारतीय नागरिक - Indian Citizen
थोड़ा रुकने से हिन्दी के कई और आने की संभावना है।
@ पी.सी.गोदियाल "परचेत"
मोबाइल में विचार लिखा जा सकता है जो पोस्ट का रूप ले लेता है।
@ विष्णु बैरागी
बहुत धन्यवाद आपका।
@ JHAROKHA
ReplyDeleteआप इस मोबाइल से आसानी से टाइप कर सकती हैं। आप स्वास्थ्य लाभ शीघ्र करें।
@ Manpreet Kaur
बहुत धन्यवाद आपका।
@ संगीता स्वरुप ( गीत )
बहुत धन्यवाद आपका।
@ नुक्कड़
ओवी मैप इसमें नहीं है।
@ डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति
कोई आप नहीं, अगला मोबाइल लेने के पहले हिन्दी चिन्तन कर लीजियेगा।
@ ज्योति सिंह
ReplyDeleteकुछ पक्ष नोकिया के बहुत ही मजबूत हैं।
@ vedvyathit
बहुत धन्यवाद आपका।
@ Rajey Sha राजे_शा
बहुत धन्यवाद आपका।
@ संतोष त्रिवेदी
गूगल की दया की प्रतीक्षा में हम भी कब से खड़े हैं।
@ राजेश उत्साही
हमें तो सेल्स मानव ने बेचने को मना लिया, पता नहीं आप मानते हैं कि नहीं।
बड़ी अच्छी जानकारी मिली.
ReplyDeleteधन्यवाद.
सर ...आपने बहुत ही सुन्दर --विवरण प्रस्तुत किया है , वाकई उपयोगी !
ReplyDeletenice 2 c, c-3,it gave a c-thru for c-3.
ReplyDeleteThanks for the useful information.
ReplyDeletevery meaningful post.
@ MANOJ KUMAR
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ G.N.SHAW ( B.TECH )
बहुत धन्यवाद आपका।
@ amit-nivedita
वाह, सी सी सी हो गया।
आज बड़ी जानकारीपूर्ण पोस्ट रही, हमारे काम आयेगी
ReplyDeleteधन्यवाद और आभार .....
@ Sunil Kumar
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
must be read in line with earlier comment "some more c's.."इसका 'c 2 c' भी reasonable है । c 2 c बोले तो (cost to customer)
ReplyDelete@ amit-nivedita
ReplyDeleteअब 5800 में इससे अच्छा मोबाइल नहीं मिल सकता है।
कार्टूनिस्टों को इनसे कोई फ़ायदा नहीं... कुछ पोस्ट नहीं किया जा सकता :)
ReplyDelete@ Kajal Kumar
ReplyDeleteसच कहा आपने। कार्टून पोस्ट करने के लिये और उन्नत फोन चाहिये।
nice कृपया comments देकर और follow करके सभी का होसला बदाए..
ReplyDeleteशब्द निर्माण – समास प्रक्रिया का उपयोग – सेल्स मानव/बिक्रीमानव
ReplyDeleteशब्द निर्माण, नामकरण की प्रक्रिया है। जब कोई नई अवधारणा या संकल्पना मूर्त रूप ले लेती है तो उसकी पहचान का प्रश्न उत्पन्न होता है। अतः उस मूर्त रूप को कोई न कोई नाम दिया जाता है जिससे उसे संबोधित किया जाता है। आमतौर पर उदाहरण लें तो जन्म के 21 दिन उपरांत शिशु का नामकरण किया जाता है और फिर उसे उसी नाम से संबोधित किया जाता है। नामकरण का आधार उस संकल्पना या अवधारणा की गुण-धर्म होता है, अर्थात्, उस मूर्त वस्तु क्या काम करती है? उसका क्या प्रभाव होता है? आदि। शिशु के नामकरण मं हम उन गुणों को आरोपित करके कोई सार्थक शब्द या शब्द युग्मों का उपयोग करते हैं। कभी अति अप्रचलित शब्दों का उपयोग किया जाता है तो कभी प्रचलित। कभी एक ही भाषा के एक शब्द का उपयोग किया जाता है तो कभी एक ही भाषा के दो शब्दों का उपयोग किया जाता है तो कभी दो अलग अलग भाषाओं के शब्दों का। जब दो शब्दों का उपयोग करके एक नाम (संज्ञा) दिया जाता है तो उस नामकरण की प्रक्रिया को समास प्रक्रिया कहा जाता है। कामता प्रसाद गुरु के अनुसार दो या अधिक शब्दों का परस्पर संबंध बताने वाले शब्दों से बनने वाले स्वतंत्र शब्द को "सामासिक" शब्द और उस प्रक्रिया को "समास" कहते हैं।
आधुनिक हिंदी और कार्यालयी हिंदी में समास प्रक्रिया केवल हिंदी शब्दों तक ही सीमित नहीं है। दो विभिन्न भाषाओं के शब्दों को मिलाकर भी सामासिक शब्द की रचना की जा सकती है, जैसे, "सेल्स मानव"। यह शब्द प्रवीण पांडेय के ब्लॉग पर अभी हाल ही में नोकिया फ़ोन में हिंदी की सुविधा का उल्लेख करते हुए गढ़ा गया नवीनतम शब्द है। इसकी प्रतिक्रिया में 88 लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। बाकी सभी ने तो फ़ोन की अच्छाई, कीबोर्ड की सुविधा असुविधा, कीमत आदि पर राय व्यक्त की परंतु सतीश सक्सेना (सेल्स मानव), निशांत मिश्र (सेल्समानव), पद्म सिंह (सेल्स मानव) और गिरधारी खंकरियाल (सेल्समानव/बिक्रीमानव) ने प्रवीण पांडेय द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द "सेल्समानव" को सराहा। खंकरियाल ने दूसरा विकल्प "बिक्रीमानव" सुझाया।
इन लोगों ने जाने शब्द को तो सराहा परंतु जाने अनजाने लेखन के तरीके में थोड़ा अंतर दिखाया। किसी ने दोनों शब्द खंडों को अलग अलग लिखा तो किसी ने दोनों को साथ मिलाकर। सामासीकृत शब्दों के लेखन का व्याकरणिक नियम है कि जब दोनों पद सजातीय हों (एक ही भाषा या मूल के) तो उन्हें मिलाकर लिखा जाए अन्यथा अलग-अलग बिना योजक चिह्न (-) लगाए। यहाँ पर "सेल्स" और "मानव" दो विजातीय शब्द या पद हैं इसलिए इन्हें "सेल्स मानव" लिखा जाए। यदि खंकरियाल के दूसरे विकल्प को लिया जाए तो इसे "बिक्रीमानव" लिखा जा सकता है।
राजभाषा बन जाने और प्रौद्योगिकी का समर्थन मिल जाने के कारण हिंदी का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। सार्वभौमिक स्तर पर एकरूपता हो और मानकता भी बनी रहे इसलिए व्याकरणिक नियमों का पालन आवश्यक है।
@ सारा सच
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ डॉ. दलसिंगार यादव
इस विषय पर आपकी व्याख्या पढ़कर बहुत अच्छा लगा। शब्दों की उत्पत्ति, प्रचलन और अर्थान्तर एक प्रक्रिया है, कभी धीरे धीरे होती है, कभी सहसा हो जाती है। सेल्समानव में दो भाषाओं का भी संगम है जो इसे सुनने में कुछ अलग रूप देता है।
ओह यह सैट एक बार किसी मित्र के पास देखा था, पहली नजर में कीबोर्ड इन्स्क्रिप्ट लगा था पर फिर देखा तो अजीब सा लगा। खैर अच्छी बात है कि क्वर्टी वाले हिन्दी कीबोर्ड वाला फोन आया।
ReplyDelete"इस तरह का हिन्दी कीबोर्ड लाने वाला तो पहला ही है नोकिया, शेष सबके लिये प्रतीक्षा में है हिन्दी।"
नहीं जी पहला भौतिक क्वर्टी स्टाइल हिन्दी कीबोर्ड वाला फोन लाने का श्रेय विनकॉम कम्पनी को जाता है। यह विकिपीडिया लेख देखें।
विनकॉम वाइ ४५