मोबाइल फोन शहीद होने की अनेक विधियों में एक और जोड़ने का न तो मेरा उद्देश्य था और न ही उसे पैटेन्ट कराने का मन है। मनुष्यों के साथ रहते रहते मोबाइल फोन भी जन्म-मृत्यु के चक्र से बिना भयभीत हुये अपने कर्म में रत रहते हैं। हमारे तीन वर्षों के दिन-रात के साथी को, जिन्हे श्रीमतीजी सौत के नाम से भी बुलाती थीं और जो बिल गेट्स के विन्डो-मोबाइल परिवार से थे, सदैव ही इस बात का गर्व रहेगा कि उन्होने अपने प्राण हमारे हाथों में कर्मरत हो त्यागे, न कि फैशन की दौड़ में हारने के बाद किन्ही पुरानी अल्मारियों में त्यक्तमना हो। आइये स्मृति में दो मिनट का मौन रख लें।
बैडमिन्टन में पूर्णतया श्रम-निमग्न होने के पश्चात कोर्ट से बाहर आता हूँ, फोन बजते हैं, वार्तालाप में डूब जाने के समय पता ही नहीं चलता है कि कान के ऊपर बालों से टपकती स्वेद की बूँदें फोन के मेमोरी स्लॉट से अन्दर जा रही हैं। दो मिनट के बाद वार्तालाप सहसा रुद्ध होने पर जब तक भूल का भान होता, स्वेद का खारापन मोबाइल फोन की चेतना को लील चुका था। यद्यपि अभी उन्हें चेतना में लाने का श्रम चल रहा है पर आशायें अतिक्षीण हैं।
प्रियतम मोबाइल के जाने का दुख, मोबाइल न होने से विश्व से सम्पर्क टूट जाने का दुख और शीघ्र ही नया मोबाइल लेने में आने वाले आर्थिक भार का दुख, तीनों ही दुख मेरे स्वेद में घुलमिल कर टपक रहे थे। आँसू नहीं थे पर घर आकर बिटिया ने बोल ही दिया कि खेल में हार जाने से रोना नहीं चाहिये।
ऐसे अवसरों की कल्पना थी और घर में एक अतिरिक्त मोबाइल रहता था पर अपनों पर होने वाली आसक्ति और विश्वास में हम बाकी आधार छोड़ इतना आगे निकल आते हैं कि हमें अतिरिक्ततायें भार लगने लगती हैं। पिछले माह भाई को वह मोबाइल दे हम भी भारमुक्त हो गये थे।
रात्रि के 9 बजे दो जन मॉल पहुँचते हैं, सेल्समानव भी अचम्भित क्योंकि मोबाइल हड़बड़ी में खरीदने की वस्तु नहीं। बड़ा ही योग्य युवक। पूछा किस रेन्ज में और किन विशेषताओं के साथ? हमने डायलॉग मारा कि रेन्ज की समस्या नहीं पर उसमें हिन्दी कीबोर्ड होना चाहिये। श्रीमती जी मन में यह सोचकर मुस्करा रहीं थी कि निकट भविष्य में उनका डायलॉग भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। रेन्ज की समस्या नहीं पर उसमें डायमण्ड होना चाहिये।
मोबाइल पर लिये निर्णय पर बहस कुछ ऐसी थी।
- विन्डो मोबाइल के पुराने मॉडल लेने का प्रश्न नहीं। विन्डो फोन 7 आने में देर है पर उसमें भारतीय भाषाओं के कीबोर्ड का प्रावधान नहीं है। आइरॉन केवल विण्डो मोबाइल 6.1 तक ही हिन्दी कीबोर्ड उपलब्ध कराते हैं।
- आईफोन ने 37 भाषाओं के कीबोर्ड दिये हैं पर भारतीय भाषाओं को इस लायक न समझ कर भारत का दम्भयुक्त उपहास किया है।
- एन्ड्रायड फोन नये हैं। गूगल ने जो प्रयास सभी भाषाओं को साथ लेकर चलने में किये हैं, उन्हें इन फोनों में आते आते समय लगेगा।
- सिम्बियानयुक्त नोकिया के फोनों में भी हिन्दी कीबोर्ड के दर्शन नहीं हुये। मैं ट्रान्सइटरेशन के पक्ष में नहीं हूँ।
हम लगभग निराश हो चले थे कि आज का चौथा दुख मोबाइल में हिन्दीहीन हो जाने का होगा, तभी सेल्समानव को एक मॉडल याद आया LG GS290। उसमें उन्होने हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोष देखा था। उस मॉडल को जब हमने परखा तो उसमें हिन्दी कीबोर्ड उपस्थित था, यूनीकोड से युक्त।
मेरे चारों दुख वाष्पित हो गये और आँखों में आह्लाद का नीर उमड़ आया। आह्लाद उस समय और खिल गया जब उसका मूल्य 6000 ही पाया। हिन्दी कीबोर्ड के लिये 30000 के खर्चे का मन बना चुके हम, लगभग 24000 की बचत पर आनन्दित थे। अब इस पूरे घटनाक्रम को आप दैवयोग न कहेंगे तो क्या कहेंगे?
पर क्रोध की एक रेखा मन में बनी है अब तक।
मोबाइल जगत के धुरन्धर, भारतीय भाषाओं की दम्भयुक्त उपेक्षा कर रहे हैं और हम अपने सॉफ्टवेयरीय दास्यभाव में फूले नहीं समा रहे हैं। भारत एक भाषाप्रधान देश है तो क्या एक भी भारतीय लाल नहीं है जो इस सुविधा को विकसित कर सके? क्या सरकारों में इतना दम नहीं कि मना कर दे मोबाइल बेचने वालों को जब तक उनमें सारी भारतीय भाषाओं के लिये स्थान न हो? क्या हम अपनी भाषा को रोमन में लिख लिख कर अपने भाषा प्रेम का प्रदर्शन करते रहेंगे। कीबोर्ड के अभाव में यदि हम रोमन में लिख रहे हैं तो क्या यह अभाव हमारे देश की बौद्धिक सम्पदाओं के अनुरूप है?
मुझे उस दिन की प्रतीक्षा है जब हम अपनी विन्डो में बैठ अपना एप्पल खायेंगे।
कमाल है.. आपकी एक पुरानी बज और मुझे लगायी गयी पुकार, मैने कल ही पढी थी और पेटीशन ऑन लाईन पर इसके लिये एक पेटीशन बनाने जा रहा था.. अच्छा रहेगा कि अब आप ही ये जिम्मेदारी ले लें..
ReplyDeleteससुर बहुत जरूरी हो गया है कि कहीं न कहीं इस बात की चर्चा हो..
वैसे मेरे पास LG Cookie है और उसमें हिंदी की बोर्ड नही है.. ओपेरा मिनी डाउनलोड करने वाला हूँ.. काश आपकी ये पोस्ट १-२ महीने पहले आ जाती.. :(
किस ऑपरेटिंग सिस्टम पर है क्या ओपेन सोर्स है।
ReplyDelete२४००० रुपये बचने की पार्टी ड्यू रही :) मोबाइल पर टाइप करना ही मुश्किल लगता है मुझे तो !
ReplyDeleteनया LG GS290 मुबारक हो जी :)
ReplyDeleteआपका दुख सबका सुख बनकर उभरेगा। न आपको मोबाइल दुख होता, न जानकारी मिलती सबको, क्योंकि इस पोस्ट को बांटने वाला हं मैं मानस के मोती पर। अभी तो इस पोस्ट को जल्दबाजी में पढ़ रहा हूं। जल्दी ही ध्यान से पूरी पोस्ट पढ़ूंगा और फिर मैं भी खरीदता हूं वही, जो बतलाया है आपने। पर यह तो बतलायें कि क्या इसमें हिन्दी टूल किट इंस्टाल हो सकेगा। वही हमारा कीबोर्ड का आधार है।
ReplyDeleteफिलहाल तो दिवंगत पर मेरी संवेदनाएं धरें !
ReplyDeleteमोबाइल धुरंधरों द्वारा हिंदी की दंभ युक्त उपेक्षाओं का शिकार मै भी हूँ प्रियवर... LG KP500 लेते समय सोचा न था कि इसमें हिंदी लिखने तो क्या पढ़ने तक की सुविधा न होगी ...(अच्छा किया बिटिया ने कह दिया हारने पर रोते नहीं वरनातो...)
पर हाँ इस फोन का कैमरा ज़बरदस्त है... कुछ दिन LGGS290 का हिन्दीस्वादन करिये... आपके अनुभव के आधार पर हम भी अपने टेंट से चंद "र=" (रूपए के सिम्बल का विकल्प)हल्का करें ...
बहुत अच्छी पोस्ट ... बधाई प्रवीण जी
सुबह सुबह आपका मुस्कुराता चेहरा देख मौसम भी खुशगवार हो गया है ... देखिये न बाहर
चलिए ...आखिरकार आपको अपना पसंदीदा मोबाइल मिल ही गया ...वो भी अपेक्षकृत कम रेट पर ..
ReplyDeleteअब तो कोई भारत का लाल आपकी इच्छानुसार मोबाइल बना कर ही दम लेगा ...
मोबाईल्स के बारे में अच्छी जानकारी भी मिली ...!
यहाँ भी एक कटाक्ष अभिलिखित हो गया ..यह तो ज्यादती है ...
ReplyDeleteमैंने तो उस मोब को प्रत्यक्ष देखा था -मुझे भी उसके अवसान पर दुःख है
नए मोब क्रय पर बधाई ..मैंने स्पेसीफिकेशान नोट कर लिया है ..काम का है !
बाज़ार तो मांग पर आधारित है. कुछ करोड़ मोबाइल धारकों में हिंदी मीडियम की चाह रखने वाले तो शायद एक प्रतिशत से भी कम होंगे.
ReplyDeleteलेकिन आपको बधाई इतना अच्छा फोन ढूंढ निकालने के लिए. उससे भी ज्यादा खुश मैं इसलिए हूँ की आपने इतने रुपये भी बचा लिए. बची हुई रकम में तो आप चाहें तो अल्ट्रा-पोर्टेबल लैपटॉप (ई-पीसी) भी ले सकते हैं.
बहरहाल, मैं तो अभी भी नोकिया 2200 को व्यवहार में लाकर हास-उपहास का पात्र बनता आ रहा हूँ. दफ्तर में लोग मुझे तकनीकी मामलों में बेहतरीन ट्रबलशूटर मानते हैं पर हकीकत में मुझे यह तक नहीं पता कि ब्लूटूथ से चीज़ें कैसे भेजी जातीं हैं. ऐसे खतरे होते हैं ओब्सोलीट फोन को इस्तेमाल करने के. अब आनाकानी करना मुश्किल होता जा रहा है. लगता है इस साल श्रीमतीजी हमें 'standard' का फोन दिलाकर ही मानेंगी. कहती हैं कि मेरे से अच्छे फोन तो सब्जीवाले के पास होते हैं.
@ आइये स्मृति में दो मिनट का मौन रख लें।
ReplyDelete....
......
(मौन धारन कर लिया है ... कोई टिप्पणी नहीं।)
नया हिन्दी युक्त फोन के लिए बधाई |
ReplyDelete@ Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)
ReplyDeleteयह फोन LG Cookie New है और पिछले माह ही भारत में उतारा गया है। यह मेरे लिये भी सुखद आश्चर्य ही था क्योंकि न तो कम्पनी ने इस सुविधा को प्रचारित किया था और न ही मेरी अथक गूगलीय खोजों में इस बारे में कोई सूचना थी।
मेरा आनन्द उस समय और भी बढ़ गया जब शब्दकोष आधारित Auto suggestion की सुविधा हिन्दी में भी होने से मेरी टाइप करने की गति लगभग दुगनी हो गयी।
कीबोर्ड में स्पेसबार के बगल में ग्लोब का चित्र लिये एक Key है, उसे दबाने से आप अपनी भाषा बदल भी सकते हैं।
इसमें ओपेरा मिनी का 4.2 वर्ज़न ही चल पायेगा। नये एडीशन malfunction करते हैं।
आप प्रयास करें तो हो सकता है कि इस कीबोर्ड की अपग्रेड आपको LG से मिल जाये।
सही कहा आपने
ReplyDeleteवैसे पोस्ट दमदार है
दो मिनट के मौन के पश्चात ....
ReplyDeleteआपकी चिन्ता जायज़ है ...नए फोन के लिए बधाई
बहुत सुंदर, लेख ओर आप का सपना सिर्फ़ आप का नही मेरा भी है, लेकिन इसे हम सब मिल कर ही पुरा कर सकते है, आपस मै ओफ़िस मै सिर्फ़ हिन्दी बोल कर अग्रेजी को दुतकारे... तभी यह सपना पुरा होगा. बाकी आप पंकज उपाध्याय जी वाला तरीका भी कर सकते है, मेरे बच्चो ने कुछ महीने पहले sony ericsson w995 फ़िर दो महीनो के बाद नया ले लिया ओर वो मुझे दे दिया इस मै भी हिन्दी नही थी तो ओपेरा मिनी मैने प्रवीण जी के कहने से डाऊन लोड किया ओर अब हिन्दी ही हिन्दी जी. धन्यवाद
ReplyDeleteफोन, स्टेटस सिम्बल ना रहकर ,काम लायक होना चाहिए....अभी ही कोई बता रहा था,फिल्म स्टार अक्षय खन्ना ,१३०० रुपये की मोबाइल इस्तेमाल करते हैं...और बच्चे आश्चर्य से आँखें फैला कर सुन रहें थे...क्यूंकि वे तो ब्लैक बेरी से नीचे कुछ सोचते ही नहीं.
ReplyDelete"क्या हम अपनी भाषा को रोमन में लिख लिख कर अपने भाषा प्रेम का प्रदर्शन करते रहेंगे। "
इस चिंता में हम सब शामिल हैं...कई बार बड़ी मुश्किल होती है, रोमन में सही हिंदी या उर्दू शब्द टाइप करने में.
वैसे , दुख जरूर होता है...जबतक नए के अभ्यस्त ना हो जाएँ...पुराना फ़ोन बहुत याद आता है.
अरे बिलकुल इसी तरह का गुस्सा हमें भी आया था जब फिलहाल में लिए ब्लैक बेरी में हम अपनी हिंदी की मेल के जगह चोकोर खाने देख रहे थे ...
ReplyDeleteआपको मनपसंद फोन मिलने की बधाई और वो भी २४००० कम में ..वाह.
मोबाईल पर हिन्दी के चक्कर कई महंगे फोनों पर काफी पैसे बरबाद कर दिये जी। बार-बार बदलता रहा। ज्यादातर सैटों में मात्रायें अक्षरों के ऊपर चढ जाती और पढने का मजा किरकिरा। नोकिया, वीडियोकॉन और सैमसंग को ईमेल भी किये, हिन्दी लाने के बारे में।
ReplyDeleteआखिर में नोकिया 5130 एक्सप्रैस म्यूजिक खरीदा था। लिखने और पढने में जो मजा आया, बता नहीं सकता। ऑपेरा भी है और नेट कनैक्ट करने की स्पीड भी शानदार है। एक बेहतरीन फोन लगा मुझे यह और सस्ता भी। बस एक कमी रही छोटी स्क्रीन की।
अब ये रिटायर होना चाहता है, डेढ साल का हो गया है जी।
अब आपके बताये अनुसार LG GS290 ट्राई करके देखना पडेगा। वैसे नोकिया के अलावा किसी भी कम्पनी पर पिछले अनुभवों के कारण भरोसा कम ही करता हूँ। इसकी परफार्मेंस और कनेक्टिविटी कैसी है, बताईयेगा।
प्रणाम स्वीकार करें
हो सके तो कैमरा और साऊण्ड क्वालिटी के बारे में भी बताईयेगा जी, मुझपर अनुग्रह होगा।
ReplyDeleteप्रणाम
जो चला गया उसे भूल जाईये और जो नया है उससे दिल लगाईये साहब।
ReplyDeleteये कंपनियां लाभ के लिये व्वयसाय कर रही हैं, जिस दिन इन्हें लगा कि हिन्दी एनेबल्ड फ़ोन ज्यादा मांग में हैं, ये खुद इधर दौड़ेंगीं। लेकिन डिमांड तो हमें ही पैदा करनी है, और हम आज भी मन से अंग्रेजी के गुलाम हैं।
बहुत शानदार पोस्ट लगी।
जो चला गया उसे भूल जाईये और जो नया है उससे दिल लगाईये साहब।
ReplyDeleteये कंपनियां लाभ के लिये व्वयसाय कर रही हैं, जिस दिन इन्हें लगा कि हिन्दी एनेबल्ड फ़ोन ज्यादा मांग में हैं, ये खुद इधर दौड़ेंगीं। लेकिन डिमांड तो हमें ही पैदा करनी है, और हम आज भी मन से अंग्रेजी के गुलाम हैं।
बहुत शानदार पोस्ट लगी।
हर बार की तरह ग्रेट पोस्ट.... आप रोज़ की छोटी छोटी बातों को भी कितनी खूबसूरती (ईंटेलेक्चुयली) से कह जाते हैं.... मैं सोच रहा हूँ की बैंगलोर आ जाऊं .... एक ट्रीट ही हो जाए... सेव्ड पैसे में से अच्छी खासी ट्रीट हो ही जाएगी .... ही ही ही ....... वैसे मैं आपको बताऊँ तो सैमसंग का कॉरबी प्रो भी बहु तच्चा सेट है.... और हिंदी और विन्डोज़ को सपोर्ट भी करता है.... मैं यूज़ कर रहा हूँ.... वैसे आप मुझे अपना बर्थडे बता दीजिये.... एक गिफ्ट करूँगा आपको.... और इस रिश्ते की डोर को और मजबूती से बांधूंगा... इसी बहाने.... सेल्स्मानव शब्द मुझे एक नया इन्वेंशन सा लगा.... .. एकदम ही नया.... शब्द है मेरे लिए तो... वैसे एक बात तो है मोबाइल के साथ .... की अच्छे मोबाइल से सेल्फ-कॉन्फिडेंस हाई रहता है....
ReplyDeletehaan praveen ji usi 'globe' ke icon par click karke maine languages jab dekhi thin to usmein hindi nahi mili thi... 'run time' par transliteration to badhiya hai jaisa maine doosri languages try karke dekha... dekhta hoon agar ye font LG net se available kerata hai.. warna main purana cookie lekar ek acche feature se vanchit rah jaonga..
ReplyDeleteबधाई हो !
ReplyDeleteअरे मेरी टिपण्णी कहाँ गई ? ये मेरे कमेंट्स कहाँ गायब हो रहे हैं आजकल ..ये भी गूगल बाबा की कारस्तानी है कोई?
ReplyDelete@ उन्मुक्त
ReplyDeleteऑपेरेटिंग सिस्टम LG का अपना ही है। इस सिस्टम का UI देखकर लगता है कि इस पर बहुत श्रम किया गया है। टच स्क्रीन में बिना स्टाइलस के सब सुविधा प्रदान कर पाने का कठिन कार्य बड़ी सुगमता से कर दिखाया है। साथ ही साथ हिन्दी को जोड़ देना, सोने पर सुहागा है।
अन्य प्रोग्राम भी जावा बेस्ड फाइलें इण्टरनेट से डाउनलोड कर चलाये जा सकते हैं।
@ अभिषेक ओझा
पार्टी पक्की रही।
नियमित पोस्टें लिखने के लिये तो मैं भी लैपटॉप का ही उपयोग करता हूँ पर कोई भी विचार कभी भी किसी भी जगह आ सकता है, उसे स्मृति से निकल न जाने देने के लिये ऐसा मोबाइल साथ रखता हूँ।
पेन और कागज साथ न रखने के कारण, यह सुविधा मात्र सुविधा न रहकर आवश्यकता हो जाती है।
@ Ratan Singh Shekhawat
बहुत बहुत धन्यवाद।
@ अविनाश वाचस्पति
नहीं पता था कि पीड़ा का निष्कर्ष इतना सुखद होगा।
इसमें हिन्दी सभी इण्टरनेट कार्यक्रमों में दिखायी पड़ती है और टिप्पणियाँ आदि भी आप हिन्दी में टाइप कर सकते हैं।
मेमो में लिखकर डेस्कटॉप से सिन्क्रोनाइजेशन भी सरल है। लिखना यूनीकोड में होता है अतः सब जगह ठीक से दिखायी पड़ता है। कोई भी हिन्दी किट लोड करने की आवश्यकता नहीं है इसके लिये।
@ padmsingh
आत्मा(सिमकार्ड) वही है, देह नयी है। नयी देह शारीरिक, मानसिक व सांस्कृतिक रूप स् अधिक सुदृढ़ है। हारे को हरिनाम।
@ वाणी गीत
ReplyDeleteआशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि मैं हिन्दी को आईफोन, विन्डो और एन्ड्रायड के उन्नत मॉडलों पर शीघ्र ही पाऊँगा।
@ Arvind Mishra
इतने मनोयोग से लगे रहने वाले साथी की कमी खलेगी ही। कटाक्ष आप भी करते यदि वह मुस्कान देख लेते।
@ निशांत मिश्र - Nishant Mishra
मोबाइल उपयोगकर्ताओं के प्रतिशत से देखा जाये तो भारतीय भाषाओं का प्रतिशत दूसरे या तीसरे क्रमांक पर आ जायेगा। एप्पल द्वारा 37 भाषाओं में भारतीय भाषाओं का न होना केवल संशय उत्पन्न करता है। बहुत नये प्रवधानों का उपयोग तो मैं भी नहीं करता हूँ पर हिन्दी कीबोर्ड तो आवश्यक है।
@ हास्यफुहार
पर टिप्पणी तो हो ही गयी।
@ नरेश सिह राठौड़
आपका बहुत धन्यवाद।
आपने अपने लेख में सारे मोबाइल सोफ्टवेयर(स्) को नाप दिया ...अच्छा लगा
ReplyDeleteमेरे पास भी ३ साल तक एक मोटोरोला का सेट था - मोटोरोला रेज़र श्रीमती जी के पास था - अमेय (छोटे पुत्र ने ) ने ३ साल के उन नवांकुरो (वैसे वृद्ध हो गये थे ) को टोइलेट के फ्लश में ऐसा फेका कि वो अपनी याददास्त बघेरा सब खो चुके थे - तब Iphone महाराज लिए - वैसे बहुत पहले सेब कंपनी ऐपल को मैंने शिकायत दर्ज करा दी थी हिंदी कि अपेक्षा के बारे में - Iphone में कई app है जो हिंदी में टाइप कराती है - एक अभी अभी इधर दिखी -
http://varun4code.blogspot.com/2009/02/hindi-keyboard-for-iphone.html
एक ईमेल भेजा है इफोने से आपको - http://itunes.apple.com/us/app/hindi-email-keyboard-color/id307561652?mt=8
ये app .९९ सेंट में उपलब्ध है !!
@ अनिल कान्त :
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका।
@ संगीता स्वरुप ( गीत )
देह नयी है, आत्मा वही है।
@ राज भाटिय़ा
पेटीशन तो पंकज जी बनायेंगे और अच्छी बनायेंगे, कम्प्यूटर इन्जीनियर जो ठहरे।
आपको मोबाइल पर हिन्दी दिख जाने के लिये बधाई।
@ rashmi ravija
देखिये न, केवल 6000 का मोबाइल बड़े बड़े योद्धाओं को टक्कर दे रहा है। पुराना फोन तो न भुला पायेंगे।
@ अन्तर सोहिल
पिछले चार दिन का अनुभव तो बहुत ही जबरजस्त है। आँख नहीं गड़ानी पड़ती है और स्टाइलस का भी उपयोग नही करना पड़ता है। सारे प्रोग्राम दो टचों में आ जाते हैं। ओपेरा शानदार है। कनेक्टिविटी अभी तक कम सिग्नल वाली जगहों पर भी बाधित नहीं हुयी।
जनता हिंदी सुविधा युक्त मोबाइल के लिए बहुत भटकती है. अगली पोस्ट इस पर हिंदी की सुविधा, काम करन के तरीके, की-बोर्ड, टचस्क्रीन समीक्षा इत्यादि पर भी दे दें तो अच्छा. क्या इसका सीडीएमए मॉडल भी है?
ReplyDeleteकिसी अंतरंग के जाने का दुख तो स्वाभाविक है । मुझे लगता है बेंगलुरु में हिन्दी के फोन ज्यादा मांग में नहीं होंगे। यहाँ तो कई लोगों को नोकिया के हिन्दी फोन लिए देखता हूँ।
ReplyDeleteआपका हिन्दी प्रेम वंदनीय है ।
@ मो सम कौन ?
ReplyDeleteडिमाण्ड तो है पर कोई ध्यान नहीं देता है क्योंकि हम अभी तक गुलामी की मानसिकता में हैं।
@ महफूज़ अली
ट्रीट दमदार होगी, आप आ भर जायें।
एक बार मॉल जाकर उन सेल्समानव के लिये प्रशंसागान लिख आये हैं। वह भी बड़ा खुश लग रहा था।
आप यदि सैमसंग कोर्बी का उपयोग करते हैं तो मैं आपकी पसन्द की दाद देता हूँ। अभी तक तो आधुनिकतम मोबाइल व यन्त्र उपयोग में लाता रहा हूँ और आगे भी वही विचार है।
@ Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)
बेसिक मॉडल एक होने पर, मुझे लगता है कि अपग्रेड हो जाना चाहिये।
@ Coral
बहुत धन्यवाद आपका।
@ राम त्यागी
ReplyDeleteहमारे भी एक फोन को नहलाया गया था, साफ करने के लिये।
दोनों लिंकों पर शोध कर चुका हूँ। पहली साइट पर देवनागरी ईन्सक्रिप्ट टाइपबोर्ड नहीं है। साथ ही साथ यह जेलब्रोकेन पर ही चलता है। जेलब्रोकेन में भी iOS4 के लिये अपडेट नहीं किया गया है।
ईमेल वाला कीबोर्ड केवल उसी प्रोग्राम में चलता है और मौलिक कीबोर्डों का हिस्सा नहीं है। इस प्रोग्राम में और भी बग हैं जो कि ठीक किये जाने हैं।
मेरा प्रश्न फिर भी यही है कि क्या 37 भाषाओं में एक भी भारतीय भाषा नहीं आती है? भारतीय भाषायें OS का ही हिस्सा हों।
@ Raviratlami
ReplyDeleteइसता स्क्रीनकैप्चर सॉफ्टवेयर नहीं मिल रहा है, मिलते ही एक पोस्ट बनाऊँगा। CDMA version के बारे में कुछ ज्ञात नहीं है।
@ डॉ महेश सिन्हा
हिन्दी दिखाने वाले तो कई फोन हैं पर हिन्दी में यथाक्षर टाइप करने वाले नहीं दिखते हैं नोकिया में भी।
ओह!
ReplyDeleteकाश मेरा जन्म भी अगस्त या सितम्बर में हुआ होता तो कम से कम सेमसंग कोर्बी ( जो महफूज अलीजी से उपहार में मिलने वाला था) का नुकसान तो नहीं होता।
दो क्या अब आप चार मिनट का भी मौन रखवा लें तो चलेगा... पिछले एक महीने से अपने लॉन के सारे पेड़ों के नीचे से बारी बारी बैठ कर सोच रहा था कौन सा लूँ...मगर बुद्ध की धरती के इस तुच्छ प्राणी को ज्ञान प्राप्त न हुआ... हमने भी सोच रखा था न दैन्यं, न पलानयम्... आज प्रवीण तरु के के तल ज्ञान प्राप्ति हुई... अब शीघ्र ही हमारे आँगन, आई मीन गोद में, सॉरी… हाथों में यह एल जी खेलेगा... मेरे इस आने वाले एलजी के मानस पिता को सादर नमन!!!
ReplyDeleteआपके पोस्ट शैली से चमत्कृत तो करते ही हैं।
ReplyDeleteज्ञानवर्धक भी होते हैं।
नए फोन की मुबरकबाद दूं या पहले वाले पर दुख जताउं, मुश्किल में पड़ गया हूं।
चलिए बधाई दे देता हूं, एक अच्छी पोस्ट के लिए।
जनता हिंदी सुविधा युक्त मोबाइल के लिए बहुत भटकती है. अगली पोस्ट इस पर हिंदी की सुविधा, काम करन के तरीके, की-बोर्ड, टचस्क्रीन समीक्षा इत्यादि पर भी दे दें तो अच्छा
ReplyDelete@ सागर नाहर
ReplyDeleteनुकसान तो मेरा भी हो गया, अभी तो जन्मदिन बहुत दूर है।
@ सम्वेदना के स्वर
हम पर भी भाग्य की कृपा हुयी जो निराशा में डूब जाने के पहले ऐसा मोबाइल दिख गया। आपको धैर्ययुक्त चिन्तन का लाभ मिल गया।
@ मनोज कुमार
बहुक धन्यवाद। आपकी बधाई बड़ा मूल्य रखती है।
@ संजय भास्कर
ऐसी एक पोस्ट बनने की प्रक्रिया में है।
विगत पर संवेदनाएँ और आगत का स्वागत और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआशा है भविष्य में भारतीय भाषाओं को भी उपयुक्त स्थान मिलेगा।
सच है कि हम लोग मशीनों के इतने आदी हो गये हैं कि उनके न रहने पर ऐसा लगता है जैसे कि अपंग हो गये हों। ज्यादातर मशीनें हमारे जमाने की ही उपज हैं और हर बार नई मशीन आने पर नये तरीके से सीखना पड़ता है। पर देश काल के अनुरूप ही अपनी नीति बनाना होती है।
ReplyDeleteनया LG GS290...बहुत खूब ...बधाई.
ReplyDeleteप्रवीण भाई !
ReplyDeleteमै तो प्रारंभ से ही नोकिया 2700C से ब्लाँग लिखता हूँ । हिन्दी कीपैड के समुचित विकास के ध्यानाकर्षण हेतु आपको साधुवाद ।
बहुत खूब!
ReplyDeleteपोस्ट पढ़कर मन प्रसन्न. और क्या चाहिए? मोबाइल फ़ोन के चले जाने से और हिंदी की-बोर्ड के न मिलने से अगर ऐसी पोस्ट लिखी जा सकते है तो और क्या चाहिए?..:-)
आपको मन पसंद फ़ोन मिल गया और २४००० रूपये का लाभ हुआ सो अलग. (वैसे ये लाभ वाली बात जो है वह आजकल के पोर्टफोलियो मैनेजर भाई लोगों से प्रेरित है.)
सरकार तो यह सुनने और इस दिशा में कुछ करने से रही..हाँ ईश्वर से प्रार्थना है कि आपका यह अनुरोध(जो कि असंख्य हिंदी प्रेमियों का भी है) कोई सहृदयी,हिन्दी भाषा प्रेमी सोफ्टवेयर विशेषज्ञ /निर्माता तक पहुंचे और बरस दो बरस में हमें हर मोबाइल में यह सुविधा मिले...
ReplyDeleteवैसे आपने बहुत काम की बात बताई...हम तो इस तथ्य सत्य से एकदम अनभिज्ञ थे कि ऐसी कोई सुविधा भी है किसी मोडल में...
मौन.......
ReplyDelete.
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नए फोन की बधाई..........!!
जो शहीद हो गया है ... उसे नमन कर श्रद्धांजलि दे दीजिये ... नए मोबाइल सेट की बहुत बहुत बधाई ....
ReplyDelete.
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी दी आपने। ख़ुशी हुई जानकार की हिंदी में भी टाइप किया जा सकता है mobile पर।
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The matter is really interesting.
ReplyDeleteरक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteरेन्ज की समस्या नहीं पर उसमें डायमण्ड होना चाहिये।........शानदार रहा ये तो.
ReplyDelete...रक्षाबंधन के त्यौहार पर आप सभी को बधाई और शुभकामनायें.
@ Atul Sharma
ReplyDeleteपहले तो हम लोग यह मानकर बैठे थे कि हिन्दी आ ही नहीं सकती है। अब, जब स्वाद चख लिया है, मार्केट को यह भाव समझने होंगे।
@ वीरेन्द्र जैन
मशीनों के लाभ लेने के लिये समय की बलि चढ़ानी ही पड़ती है। पर उसके बाद कार्य सरल हो जाता है या नया कार्य जीवन में आ जाता है।
@ Akanksha~आकांक्षा
बहुत धन्यवाद आपका।
@ अरुणेश मिश्र
नम्बर कीपैड से लिख पाना तो सच में बड़े परिश्रम का कार्य है। हिन्दी कीबोर्ड होने से यह पाया है कि गति बनी रहती है, शुद्धता के साथ। मेरा कम्प्यूटर व मोबाइल, दोनों पर ही एक प्रकार का कीबोर्ड है, अतः समस्या नहीं आती है।
@ Shiv
ReplyDeleteयह 24000 का लाभ कितना भी आभासी लगे पर हिन्दी कीबोर्ड द्वारा प्राप्त सुख सच्चा था। हिन्दी से आभासी विरह की पीड़ा यदि भाव न बहा दे तो कैसे स्वयं को सान्त्वना दे पायेंगे कि हिन्दी की सेवा में रत रहिये।
@ रंजना
मुझे तो लगता है कि कोई ठान ले तो यह माह भर का काम है।
@ सत्यप्रकाश पाण्डेय
मौन शब्द अब मुझे पुराने मोबाइल की याद रह रह दिलाने लगा है।
@ महेन्द्र मिश्र
बहुत धन्यवाद। मेरे हर नये मोबाइल की खरीद पर माँ की डाँट अभी तक पड़ती है मुझे।
@ Divya
ReplyDeleteयदि आप के पास यह मोबाइल होता तो आप प्रवास के समय भी टिपिया सकती थीं। पुनः स्वागत है।
@ Hari Shanker Rarhi
हिन्दी का प्रवेश मोबाइल में, यह विषय सदा ही रुचिकर रहा है मेरे लिये भी।
@ फ़िरदौस ख़ान
आपको भी बहुत बहुत बधाई।
@ KK Yadava
डायमण्ड का तेज कईयों के चेहरे तेजमय कर देता है और कईयों निस्तेज।
प्रवीण जी,
ReplyDeleteइन दिनों इसी पीड़ा को भोग रहा हूँ विन्डोज 6.1 वाले ओमेनिय प्रो में हिन्दी के सारे कैरेक्टर बॉक्स से नज़र आते है और ब्लॉगिंग करने के हिसाब से सारा मजा जाया हो रहा है।
आपकी राय अनुसार कल ही नये कुकीज फोन को देखना है और यदि रक्षाबंधन पर हुये खर्चों ने परमिट किया तो कल ही नही तो एक तारीख पास ही है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
रक्षा बंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteपता नहीं मुझे तो फ़ोन पर टाइप करना बहुत बड़ा झंझट मालुम होता है और हिंदी में टाइप करना उससे भी बड़ा. इसलिए मैं कागज पर ही नोट करना सही समझता हूँ.
ReplyDelete@ मुकेश कुमार तिवारी
ReplyDeleteविण्डो 6.1 को तो www.eyron.in में हिन्दी सॉफ्टवेयर का सपोर्ट उपलब्ध है। एक बार प्रयास कर अवश्य देख लें।
@ वन्दना अवस्थी दुबे
आपको भी हार्दिक शुभकामनायें।
@ Saurabh
मोबाइल पर टाइप करना व लिखना कठिन लगता था पर कागज में लिख कर पुनः कम्प्यूटर पर टाइर करना और भी कठिन लगता है।
प्रवीण जी,
ReplyDeleteये पोस्ट कुछ दिन पहले पढी थी लेकिन टिप्पणी करने का समय आज मिला है।
पहली बात तो ये कि अगर फ़ोन भीग जाये तो भी उसे वापिस जीवित लाया जा सकता है, बशर्ते तुरन्त बैटरी निकाल ली जाये और फ़िर उसके पूरी तरह द्रव/आद्रता मुक्त होने पर ही पुन: स्विच आन किया जाये।
मुझे पता नहीं आपका फ़ोन किस स्थिति में है, लेकिन अगर अभी तक के प्रयास सफ़ल न हुये हों तो इनको ट्राई करें
१) बैटरी निकालने के बाद, हेयर ड्रायर (गर्म हवा वाला) से उसको अच्छे से सुखायें। कम से कम ३० मिनट रोज २-३ दिन तक।
२) उसके बाद २ दिन के लिये अपने फ़ोन को सूखे चावल के डब्बे में बन्द करके भूल जायें।
३) उसके बाद ही बैटरी लगाकर पुन: चलाने की कोशिश करें, हो सकता है मुर्दे में जान वापिस आ जाये, वर्ना नया मोबाईल तो है ही आपके पास :)
नीरज
@ Neeraj Rohilla
ReplyDeleteबैटरी तो मैं तुरन्त हटाना भूल गया था। लगता है उसी कारण से शार्टसर्किट होता रहा। आपकी बतायी विधि का प्रयोग कर लेता हूँ, हो सकता है कि संजीवनी बन प्राण दे जाये।
sabse pahle to yah ki neeraj rohilla ji ke kathan se 100 feesdi sehmat.
ReplyDeleteuske baad pahle yah ki "मेरे हर नये मोबाइल की खरीद पर माँ की डाँट अभी तक पड़ती है मुझे" (sir ke baal khujaate hue) mera bhi haal yahi hai..... har saal daant khata hu maataji se naya mobile lene ke karan. ;)
baki ab mudde par baat karu to maine kabhi yah koshish hi nahi ki mobile par hindi mile ya na mile, kynki mobile par na to mai email dekhta hu na internet le rakhaa hai. abhi 2 mahine pahle hi apne N73 ko badal kar Nokia 6500 slide liya, lekin hindi ka dekha hi nahi, baad me dekha to vahi haal hindi bhasha ka vikalp hi nahi hai.
dar-asal dekha jaye to aapki baat sahi hai ki "आईफोन ने 37 भाषाओं के कीबोर्ड दिये हैं पर भारतीय भाषाओं को इस लायक न समझ कर भारत का दम्भयुक्त उपहास किया है" lekin us se bhi badi baat yah ki bharat me ya yun kahu ki INDIA me kitne mobile upbhokta hain jo hindi upyog karte hain mobile me ya karna chahte hai, shayad isiliye har mobile me hindi ya uske liye plateform nahi hota....
khair, kai desho ne to saf-saf notice de rakhi hai ki agar hamare desh me mobile phone banane hain to hamari bhasha ka keyboard hona hi chahiye isi shart par anumati milegi nahi to nahi...
ye brahmastra bharat/india ki govt kab chalaana sikhegi, bas isi ka intejaar hai.....
muaafi chahunga, aapki yah post email me padh chuka tha lekin socha ki pehli fursat milet hi is par comment karunga, aur dekhiye comment aaj kar raha hu jab aap ne new post likh dali hai, muaafi mere aalaspan ko...
@ Sanjeet Tripathi
ReplyDeleteनौकरी की व्यस्तता के कारण इतना समय नहीं पा पाता हूँ कि एकमुश्त लैपटॉप के सामने बैठ पाऊँ। मीटिंग जब ऊबाऊ लगती है तो ईमेल चेक कर लेता हूँ और कोई नया विचार मोबाइल में टिपिया कर निश्चिन्त हो लेता हूँ। कई बार कुछ सुन्दर विचार खो चुका हूँ, अब वह समस्या नहीं होती है।
आपका कहना सही है, बिना सरकारी इच्छा के, ये कम्पनियाँ नहीं मानेगी।
लीजिये आ गया
ReplyDeleteहिन्दी के पूरे की-बोर्ड वाला मोबाइल Y45
मोबाईल फोन में Indic Scripts के लिए मानक निर्धारण हेतु सरकारी स्तर पर प्रयास चल रहा है। देखें-- "http://tdil.mit.gov.in/IL_mobile.htm"
ReplyDeleteलेकिन जनता जागृत हो तो सरकार कार्यवाही कर पाएगी ना। जैसे जापान, कोरिया, चीन आदि में यदि उनकी भाषाओं की सुविधा नहीं हो, तो किसी उपकरण को उन देशों में बेचने का लाईसेंस नहीं दिया जाता। काश कि भारत सरकार भी ऐसा ही कर पाती।
क्या करे सरकारी तंत्र भी। जब असम में हिन्दी भाषियों की हत्या हो रही हो, महाराष्ट्र में कुछ नेता हिन्दी का विरोध कर रहे हों, तमिलनाडु में राजनेता हिन्दी के पक्ष में बोलें तो उन्हें अपनी political death होने का डर रहता है।
इन सभी समस्याओं का समाधान सरल तभी होगा, जब हम देवनागरी लिपि को तकनीकी रूप से सपाट बनाएँ।
-- हरिराम
मोबाईल फोन में indic scripts के मानक निर्धारण हेतु सरकारी स्तर पर प्रयास जारी है। देखें -- "http://tdil.mit.gov.in/IL_mobile.htm"
ReplyDeleteकाश कि जापान, चीन की तरह भारत सरकार भी उन कंपनियों के उत्पादों को अपने देश में बेचने का लाईसेंस नहीं देती, जिनमें उस देश की भाषाओं में काम करने की सुविधा न हो।
लेकिन प्रजातंत्र पूर्णतः जनता की इच्छा पर निर्भर होता है। काश कि लोग जागृत होते।
असम में जब हिन्दी भाषियों की हत्या हो रही है, महाराष्ट्र में भी हिन्दी भाषियों का विरोध व राज्यनिकासी के प्रयास हो रहे हैं। तमिलनाडु में राजनेता हिन्दी के पक्ष में बोलें तो उन्हें अपनी political death होने का डर रहता है।
तो फिर हिन्दी की मांग कैसे बढ़े? सभी उत्पाद उपभोक्ता की मांग पर चलते हैं। यदि हिन्दी-रहित मोबाईल को कोई नहीं खरीदता तो सभी कंपनियाँ हिन्दी सुविधा अनिवार्यतः लागू करतीं।
फिर भी बहुत सारी समस्याओं का समाधान, देवनागरी लिपि को तकनीकी दृष्टि से सपाट बनाया जाने पर हो सकता है।
-- हरिराम
मोबाईल फोन में indic script हेतु मानक निर्धारण हेतु सरकारी स्तर पर प्रयास जारी हैं। देखें- http://tdil.mit.gov.in/IL_mobile.htm
ReplyDeleteकाश कि जापान आदि की तरह भारतीय सरकारी प्राधिकारी भी अपनी भाषा के प्रति गम्भीरता बरतते। जापान की तरह उन उत्पादों को भारत में बेचने के के लाईसेंस ही नहीं देते जिनमें हमारे देश की राष्ट्रभाषा की सुविधा न हो।
लेकिन प्रजातन्त्र में जनता की मांग अनुसार ही सरकार काम करती है। भारत में हिन्दी के प्रति जनता ज्यादा अनुराग नहीं रखती, ऐसा लगता है।
असम में हिन्दीभाषियों की हत्या, महाराष्ट्र में हिन्दी विरोध, तमिलनाडु में हिन्दी के पक्ष में यदि राजनेता बोलें तो उनकी political death होने का खतरा... इत्यादि देखकर किस सरकार का साहस होगा, हिन्दी के प्रति सख्ती बरतने का...
खैर, देवनागरी लिपि को तकनीकी रूप से सरल सपाट बनाए जाने पर विश्व के अधिकांश लोग स्वतः अपना लेंगे, यही आशा है।
-- हरिराम
mitra, hindi-prem ki vazah se nokia5800 liya tha jismen kam-se-kam opera mobile ke dwara saaf hindi padhi ja sakti thi,par usne aisa tang kiya ki mujhe doosra phone lena pada magar usme charo taraf gaddhe nazar aate hain.kya android os me koi app. hai jo hindi supprt kar sake ?
ReplyDeleteजिसकी न फटे बिवाई वाली कहावत सत्य है। एक समय हम भी साल दो साल हिन्दी इनपुट वाले स्मार्टफोन के लिये तरसते हुये मारे-मारे फिरे। मन मारकर १३५०० का नोकिया ५८०० लेना पड़ा। इसमें हिन्दी टूटी-फूटी दिखती है, केवल ऑपेरा मोबाइल में हिन्दी सही से पढ़ी जाती है। खैर हिन्दी लिखने के लिये टचनागरी नामक कामचलाऊ जुगाड़ बनाया। काश तब इस फोन का पता चलता तो स्मार्टफोन न होने पर भी इसे ही ले लेते।
ReplyDeleteअपने नोकिया ५८०० में हिन्दी कीबोर्ड बनाने के लिये तमाम हैक, रिवर्स इञ्जीनियरिंग के तरीके आजमा डाले पर सफल न हुये।
खैर आपको बहुत-बहुत बधाई। ऐसा फोन मिलने पर आपको जो खुशी हुयी होगी उसे समझ सकता हूँ।
वैसे आपके खरीदे फोन के बारे में पढ़ा, बहुत कमाल का फोन है। हिन्दी कीबोर्ड के अलावा भी बहुत सी य़ूनीक खूबियाँ हैं इसमें।
ReplyDeleteजैसे-
1. ऑफिस डॉक्यूमेण्ट तथा ईबुक (doc, xls, ppt, pdf) व्यूअर
2. मल्टीटास्किंग
3. वायरलेस ऍमऍम रेडियो
4. ऍण्टी थैफ्ट मोबाइल ट्रैकर
हमने इस फोन बारे हिन्दी विकिपीडिया पर लेख बना दिया है।
http://hi.wikipedia.org/wiki/ऍलजी_जीऍस_२९०
दर्शन बवेजा जी ने कुछ समय पहले मुझसे हिन्दी समर्थन युक्त इसी तरह का फोन लेने बारे पूछा था, उन्हें इसके बारे में बताता हूँ।
एक प्रश्न- क्या इस फोन में कॉपी-पेस्ट सुविधा है? ऑपेरा मिनी में कॉपी-पेस्ट का तरीका जाँचने का तरीका यहाँ देखें।
ek achhe model ke baare mein aapne bataya..
ReplyDeleteaur kaafi economical bhi hai. china made brands Spice, Micromaxx ke chakkar mein ulajh raha hoon. aapki post sahi samay par aa gayi hai. umeed karta hoon jaldi hi kharid lunga aur aapse share karunga
मैं भी नया मोबाइल लेने की जुगत में हूँ हिन्दी का जुगाड़ खोजते खोजते यहाँ तक पहुँचा हूँ । कुछ नया हो तो बताएं ।
ReplyDelete@विवेक
ReplyDeletehttp://www.google.com/buzz/praveenpandeypp/Rgd1BjPMd56/%E0%A4%86%E0%A4%9C-%E0%A4%A8-%E0%A4%95-%E0%A4%AF-%E0%A4%B8-3-%E0%A4%AE-%E0%A4%A1%E0%A4%B2-%E0%A4%A6-%E0%A4%96
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ReplyDeletesubscribing follow-up comments!
ReplyDeleteधन्यवाद,यह तकलीफ तो मुझे आजकी तारीख 2.7.2012 तक भी है।
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